चंडीगढ़, 19/06/2025
पंजाब विधानसभा की 64-लुधियाना पश्चिम सीट के उपचुनाव के लिए आज मतदान हुआ। मतदान निर्धारित समयानुसार सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शांतिपूर्ण तथा सुचारू रूप से संपन्न हुआ।
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी ने बताया कि शाम 7:00 बजे तक अपलोड किए गए डेटा के अनुसार, लगभग 51.33% मतदान दर्ज किया गया है। एक नई पहल के अंतर्गत, मतदान डेटा पोलिंग स्टेशन पर प्रिजाइडिंग अधिकारियों द्वारा ईसीआई नेट ऐप पर अपलोड किया गया। उल्लेखनीय है कि मतदान प्रतिशत के ये आंकड़े अनुमानित हैं। निर्वाचन संचालन नियम, 1961 के नियम 49एस के तहत, प्रिजाइडिंग अधिकारियों ने फॉर्म 17सी — जिसमें मतों की वास्तविक गिनती दर्ज होती है — उन उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों को दिया जो मतदान समाप्ति के समय पोलिंग बूथ पर उपस्थित थे।
मतदान शुरू होने से पहले प्रत्येक पोलिंग बूथ पर ईवीएम मशीनों की मॉक ड्रिल करवाई गई, जो उम्मीदवारों द्वारा नियुक्त किए गए 578 एजेंटों की उपस्थिति में हुई।
उपचुनावों के लिए, निर्वाचन आयोग ने 1 अप्रैल 2025 को पात्रता तिथि के आधार पर मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण किया था। मतदाता सूचियों का प्रारूप प्रकाशन 9 अप्रैल 2025 को किया गया और इसकी एक प्रति मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई। 192 पोलिंग बूथ स्तर पर बीएलओज़ ने यह सुनिश्चित करने के लिए कार्य किया कि सूचियों को सही ढंग से अपडेट किया गया है। मान्यता प्राप्त दलों द्वारा नियुक्त 384 बीएलए ने प्रक्रिया की जांच की और कुल 4279 दावे और आपत्तियाँ दर्ज की गईं। मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 5 मई 2025 को किया गया और अंतिम सूचियों की प्रति सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को प्रदान की गई। आर पी एक्ट 1950 की धारा 24(ए) के तहत ज़िला मजिस्ट्रेट के पास और धारा 24(बी) के तहत मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास कोई अपील दर्ज नहीं की गई।
नामांकन की अंतिम तिथि 2 जून 2025 थी, जिस दिन मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया गया और इसकी प्रति सभी चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को 6 जून 2025 को दी गई। कुल 1,75,469 मतदाता पंजीकृत थे। कुल 14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे, जिनमें 1 महिला उम्मीदवार भी शामिल थी।
इन चुनावों के लिए 194 पोलिंग बूथ स्थापित किए गए थे। चुनाव आयोग के हालिया निर्णय के अनुसार, एक बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता रखने की सीमा के चलते 2 अतिरिक्त नए बूथ बनाए गए। प्रत्येक बूथ पर आवश्यक सुविधाओं के अलावा, पहली बार मतदाताओं की सुविधा हेतु 194 पोलिंग स्टेशनों पर मोबाइल जमा करवाने की सुविधा भी प्रदान की गई। एक महिला स्टाफ वाला, एक दिव्यांग स्टाफ वाला और 10 मॉडल पोलिंग स्टेशन भी बनाए गए।
ईवीएम की प्रथम स्तरीय जांच 3 फरवरी से 6 फरवरी 2025 तक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की गई। कमीशनिंग की प्रक्रिया 10 जून 2025 को उम्मीदवारों/उनके अधिकृत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुई। हर चरण में ईवीएम पर मॉक पोल कराया गया और परिणामों की जांच वीवीपैट स्लिप्स से मिलान कर की गई। पोलिंग बूथों पर तैनात की गई ईवीएम की सूची, उम्मीदवारों/उनके प्रतिनिधियों के साथ पहले ही साझा की जा चुकी थी और उन्हें दो चरणों की रैंडमाइजेशन प्रक्रिया से आवंटित किया गया।
चुनाव आयोग के जनरल ऑब्जर्वर की निगरानी में पोलिंग स्टाफ की ड्यूटी तीन चरणों की रैंडमाइजेशन प्रक्रिया के माध्यम से लगाई गई। प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान, प्रत्येक प्रिजाइडिंग अधिकारी ने व्यक्तिगत रूप से ईवीएम पर मॉक ड्रिल की, 100 यादृच्छिक मॉक वोट डाले, परिणाम की जांच की और उन्हें वीवीपैट स्लिप्स से मिलान किया। प्रशिक्षण के अंत में प्रिजाइडिंग अधिकारियों ने ईवीएम की पूर्ण निष्पक्षता और कार्यकुशलता पर भरोसा जताया।
मतदाता सूचियों के संक्षिप्त पुनरीक्षण से लेकर मतदान तक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा राजनीतिक दलों के साथ 2 बैठकें, ज़िला निर्वाचन अधिकारी द्वारा 3 बैठकें और ईआरओ/आरओ स्तर पर 2 बैठकें आयोजित की गईं। चुनाव आयोग द्वारा उम्मीदवारों/प्रतिनिधियों को चुनाव प्रक्रिया की जानकारी देने हेतु अलग-अलग चरणों में कुल 2 बैठकें आयोजित की गईं।
संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, उम्मीदवारों को पोलिंग बूथ के प्रवेश द्वार से 100 मीटर की दूरी पर बूथ लगाने की अनुमति दी गई, जो विशेषकर उन मतदाताओं के लिए सुविधा जनक रही जो अपने मतदाता पर्ची साथ नहीं लाए थे।
कुल 239 मतदाताओं — जिनमें 85 वर्ष से अधिक आयु के और दिव्यांगजन शामिल थे — ने घर से मतदान करने की इच्छा जताई। इन्हें पोस्टल बैलेट के माध्यम से यह सुविधा उपलब्ध करवाई गई। यह प्रक्रिया उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में विशेष रूप से गठित टीमों द्वारा पूरी की गई।
चुनाव प्रक्रिया की निगरानी हेतु चुनाव आयोग ने एक जनरल ऑब्जर्वर, एक पुलिस ऑब्जर्वर और एक खर्च ऑब्जर्वर की नियुक्ति की। नागरिकों से सी-विजिल ऐप के माध्यम से कुल 1512 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 1342 का निवारण 100 मिनट के भीतर कर दिया गया।
भारतीय चुनाव आयोग ने इंडेक्स कार्ड तैयार करने की प्रक्रिया को भी अपडेट किया है। यह प्रणाली पारंपरिक मैनुअल तरीकों की जगह लेगी और ऑटोमेशन एवं डेटा एकीकरण के माध्यम से गिनती के बाद इंडेक्स कार्ड की तेज़ रिपोर्टिंग और निर्गमन को सुनिश्चित करेगी।