चंडीगढ़, 25/05/2025
हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने रविवार को पानीपत के समालखा में आयोजित विद्या भारती के प्रांतीय आचार्य सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने मूल्य आधारित और समावेशी शिक्षा के महत्व पर जोर दिया, जो उद्योग की उभरती जरूरतों और भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप हो। श्री दत्तात्रेय ने शिक्षकों, अकादमिक नेताओं और विद्वानों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल रटने और अकादमिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। यह छात्रों में नैतिक मूल्य, आलोचनात्मक सोच और नवाचार की भावना विकसित करे। उन्होंने समावेशी, सुलभ और सामाजिक-आर्थिक विविधता के अनुकूल शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्यपाल ने कहा कि विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा संगठन है, जो शिक्षा के साथ-साथ बच्चों में भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और संस्कारों का बीज बो रहा है। संस्थान द्वारा संचालित लगभग 25000 शिक्षण संस्थानों में 1.50 लाख आचार्यों द्वारा लगभग 32 लाख से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने विद्या भारती के शैक्षिक सुधारों और शिक्षक उत्कृष्टता को प्रोत्साहन देने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रांतीय आचार्य सम्मेलन जैसे मंच राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो शैक्षणिक नवाचार और सर्वाेत्तम प्रथाओं पर विचार-विमर्श को बढ़ावा देते हैं।
विद्या भारती के उपाध्यक्ष अवनीश भटनागर, एंटी करप्शन ब्यूरो के निदेशक व संस्थान के पूर्व छात्र शक्ति पाठक एवं विद्या भारती के महामंत्री देशराज शर्मा ने भी सम्मेलन में अपने विचार रखें।