चंडीगढ़, 28/05/2025
गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने देश की पश्चिमी सीमा पर स्थित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी जिलों में “ऑपरेशन शील्ड” नामक दूसरा नागरिक सुरक्षा अभ्यास आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में यूटी, चंडीगढ़ के मुख्य सचिव श्री राजीव वर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें आईजीपी, श्री आर.के. सिंह और चंडीगढ़ प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास के हिस्से के रूप में, किशनगढ़ और आई.टी. पार्क में ब्लैकआउट मनाया जाएगा। 29 मई, 2025 (गुरुवार) को चंडीगढ़ के पार्क क्षेत्रों में शाम 8:00 बजे से 8:10 बजे तक। इस पहल का उद्देश्य आपातकालीन ब्लैकआउट स्थितियों का अनुकरण करना और संभावित शत्रुतापूर्ण हमलों के दौरान तैयारियों को बढ़ाना है।
मुख्य सचिव ने कहा कि ब्लैकआउट के अलावा, चंडीगढ़ के सेक्टर 47 में सामुदायिक केंद्र में एक मॉक ड्रिल भी आयोजित की जाएगी। यह अभ्यास एक सिमुलेशन होगा जहां एक सैन्य स्टेशन पर दुश्मन के ड्रोन द्वारा हमला किया जाता है। इस स्थिति में, नागरिक प्रशासन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में मदद करेगा, जिसमें मॉक ड्रिल के हिस्से के रूप में 20 लोगों को निकाला जाएगा। चिकित्सा प्रतिक्रिया का भी परीक्षण किया जाएगा, जिसमें घायलों के इलाज के लिए 30 यूनिट रक्त और अतिरिक्त चिकित्सा टीमों की व्यवस्था शामिल है। यह ड्रिल समन्वय तंत्र का परीक्षण करने और विभिन्न विभागों और आपातकालीन बलों के बीच प्रतिक्रिया रणनीतियों को बेहतर बनाने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा है।
इस अभ्यास में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक, होमगार्ड, स्थानीय अधिकारी और एनसीसी, एनएसएस और एनजीओ जैसे युवा संगठन शामिल होंगे। इस अभ्यास में हवाई हमले, ड्रोन और मिसाइल हमले, हवाई हमले के सायरन का संचालन और वायु सेना और नागरिक सुरक्षा नियंत्रण कक्षों के बीच समन्वय जैसे अभ्यास परिदृश्य शामिल होंगे।
रियर एरिया सुरक्षा योजना के हिस्से के रूप में, अभ्यास में भारतीय सेना का समर्थन करने के लिए बॉर्डर विंग होमगार्ड्स की तेजी से लामबंदी भी शामिल होगी।
मुख्य सचिव ने चंडीगढ़ प्रशासन के सभी विभागों को इस अभ्यास में पूर्ण रूप से समर्थन और भाग लेने का निर्देश दिया है।
यह महत्वपूर्ण अभ्यास समन्वय को बेहतर बनाने, आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों का परीक्षण करने और यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि चंडीगढ़ भविष्य में किसी भी आपात स्थिति या खतरे के लिए बेहतर तरीके से तैयार है।