नई दिल्ली, 25/07/2025
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने खेती-किसानी के समग्र विकास के उद्देश्य से फसलवार और क्षेत्रवार अपने दौरे के सिलसिले में सोयाबीन और कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए आज दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली। शिवराज सिंह ने फील्ड विजिट के दौरान सामने आए विषयों के आधार पर कार्ययोजना बनाने के निर्देश बैठक में दिए।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने, 29 मई से 12 जून 2025 तक चलाए गए विकसित कृषि संकल्प अभियान में उभरे मुद्दों के मद्देनजर गत 26 जून को राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर एवं 11 जुलाई को गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बटूर में क्रमश: सोयाबीन और कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों सहित सभी संबंधित हितधारकों से विस्तृत परामर्श किया था। शिवराज सिंह की अध्यक्षता में कृषि भवन, नई दिल्ली में आज हुई फॉलोअप मीटिंग में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी और DARE के सचिव तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक डॉ मांगी लाल जाट सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में सोयाबीन और कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कार्ययोजना पर चर्चा की गई। बैठक में ICAR के उप महानिदेशक (फसल संभाग) डॉ. डी.के. यादव ने प्रेजेंटेशन दिया, जिस पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने निर्देश दिया कि जर्मप्लाज्म आयात के लिए मिशन मोड में वैज्ञानिकों की एक टीम को दायित्व दिया जाए और इसे बीजों के राष्ट्रीय मिशन में जोड़ा जाए। बीज के महत्व को देखते हुए शिवराज सिंह ने दोनों सचिवों को निर्देश दिया कि सरकारी बीज संस्थाओं के साथ एक बैठक आयोजित की जाए, ताकि अच्छी गुणवत्ता के बीजों को उपलब्ध कराने संबंधी सभी विषयों पर विचार-विमर्श हो सके।
शिवराज सिंह ने कृषि यंत्रीकरण के संदर्भ में निर्देश दिया कि कस्टम हायरिंग सेंटर का मूल्यांकन करके यह पता लगाया जाए कि कौन-कौन से वांशिक कृषि यंत्रों की आवश्यकता है ताकि उनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, उन्होंने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान की सफलता को देखते हुए इसे आगामी फसल मौसमों में बुआई से पहले रबी में अगस्त-सितंबर में और खरीफ में मार्च-अप्रैल में कार्यान्वित किया जाए। शिवराज सिंह ने कहा कि देशभर में फैले 731 कृषि विज्ञान केंद्रों में प्रत्येक जगह ब्रॉडबैंड, प्रोजेक्टर इत्यादि की सुविधा उपलब्ध की जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान भाइयों-बहनों को कृषि विशेषज्ञों से सीधे तौर पर जोड़ा जा सके।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह द्वारा दोनों विभागों के अधिकारियों को इस कार्य की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि जल्द से जल्द इसे कार्यान्वित किया जा सके। इसके अतिरिक्त, देशभर के पंजीकृत किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए फसल के मौसम में दिए जा रहे परामर्श को और सुदृढ़ करते हुए सोयाबीन और कपास पर अधिक से अधिक तकनीकी जानकारियों को वीडियो एवं संदेशों के माध्यम से पहुंचाने के निर्देश भी केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने दिए।
बैठक में, अनुसंधान के मुद्दों, जैसे विदेशी जर्मप्लाज्म का आयात, प्रजनन कार्यक्रम में उनका उपयोग, जीनोम संपादन परियोजना, उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन, स्पीड ब्रीडिंग सुविधा, पौधों एवं मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, बीज की उपलब्धता एवं उसकी गुणवत्ता, रेगुलेशन, कृषि यांत्रिकीकरण और किसानों की जागरूकता के संबंध में चर्चा हुई।