चंडीगढ़, 21/08/2025
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल विजन को गति देते हुए केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया के मार्गदर्शन में डाक विभाग (डीओपी) ने आईटी 2.0-उन्नत डाक प्रौद्योगिकी (एपीटी) को सफलापूर्वक लागू किया है। यह ऐतिहासिक डिजिटल उन्नयन विभाग के 1.65 लाख डाकघरों में से प्रत्येक के आधुनिकीकरण की यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगी, जिससे भारत सरकार के डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया विजन को बढ़ावा मिलेगा। आईटी-2.0 देश के हर कोने में तेज, अधिक विश्वसनीय और नागरिक-केंद्रित डाक तथा वित्तीय सेवाएं में कारगर साबित होगा, जोसमावेशिता एवं सेवा उत्कृष्टता के लिए भारतीय डाक की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आईटी आधुनिकीकरण परियोजना 1.0 की सफलता के आधार पर नव-प्रवर्तित उन्नत डाक प्रौद्योगिकी (एपीटी) प्लेटफॉर्म एक माइक्रोसर्विसेज-आधारित अनुप्रयोग के अनुरूप तीव्र, विश्वसनीय और उपयोगकर्ता-अनुकूल नागरिक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करता है। डाक प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र (सीईपीटी) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित की गई, यह एप्लीकेशन भारत सरकार के मेघराज 2.0 क्लाउड प्लेटफॉर्म पर होस्ट किया गया है और बीएसएनएल की राष्ट्रव्यापी कनेक्टिविटी द्वारा समर्थित है।
केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया कहते हैं, “एपीटी भारतीय डाक को एक विश्वस्तरीय सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संगठन में बदल देगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, यह पूरी ताकत से आत्मनिर्भर भारत है, जो एक मज़बूत और आत्मनिर्भर डिजिटल इंडिया का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।”
एपीटी की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं
1. माइक्रो-सर्विसेज, ओपन एपीआई आधारित आर्किटेक्चर
2. एकल, एकीकृत उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस
3. क्लाउड-तैयार परिनियोजन
4. बुकिंग से लेकर डिलीवरी तक संपूर्ण डिजिटल समाधान
5. अगली पीढ़ी की कार्यक्षमता-क्यूआर-कोड भुगतान, ओटीपी आधारित डिलीवरी आदि
6. ओपन नेटवर्क प्रणाली-ग्रामीण क्षेत्रों में भी विश्वसनीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना
7. 10-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक (डीआईजी पिन) DIGIPIN – डिलीवरी की सटीकता बढ़ाने के लिए
8. बेहतर रिपोर्टिंग और विश्लेषण
इसे चरणबद्ध और सुव्यवस्थित तरीके से लागू किया गया। कर्नाटक डाक मंडल (मई-जून 2025) में एक सफल पायलट प्रोजेक्ट के बाद, सिस्टम और रणनीति को और बेहतर बनाने के लिए अधिगम को शामिल किया गया। 22 जुलाई 2025 से 4 अगस्त 2025 तक पूरे देश में सावधानीपूर्वक चरणबद्ध तरीके से इसका क्रियान्वयन किया गया। मई-जून 2025 के महीने के दौरान कर्नाटक डाक सर्कल में एक सफल पायलट के बाद इसे चरणबद्ध और व्यवस्थित तरीके से लागू किया गया। प्रमुख समस्याओं की पहचान की गई तथा प्रणाली और रणनीति को परिष्कृत करने के लिए अधिगम को शामिल किया गया। 22 जुलाई 2025 से 4 अगस्त 2025 तक “पंजाब सर्कल” में सावधानीपूर्वक चरणबद्ध रोलआउट किया गया। 4 अगस्त 2025 को सभी 23 डाक सर्कलों में यह रोलआउट समाप्त हुआ, जिसमें 1.70 लाख से ज़्यादा कार्यालय शामिल थे, जिनमें सभी डाकघर, मेल कार्यालय और प्रशासनिक इकाइयां एपीटी पर कार्यरत थीं।
यह समझते हुए कि प्रौद्योगिकी परिवर्तन की सफलता उसके कर्मचारियों पर निर्भर करती है, भारतीय डाक ने “प्रशिक्षण – पुनःप्रशिक्षण – नवीनीकरण” के सिद्धांत के तहत मास्टर प्रशिक्षकों, उपयोगकर्ता चैंपियनों और अंतिम उपयोगकर्ताओं को शामिल करते हुए एक कैस्केड मॉडल के माध्यम से 4.6 लाख से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया। इससे हर स्तर पर तैयारी सुनिश्चित हुई और पूरे देश में इसे आसानी से अपनाया गया। इस प्रणाली ने पहले ही अपनी लचीलापन और मापनीयता का प्रदर्शन किया है, जिसके तहत एक दिन में 32 लाख से अधिक बुकिंग और 37 लाख डिलीवरी सफलतापूर्वक की गई। आईटी 2.0 के पूरा होने के साथ भारतीय डाक ने एक आधुनिक, प्रौद्योगिकी-संचालित सेवा प्रदाता के रूप में अपनी स्थिति को शानदार प्रस्तुति के साथ विश्वास और बेजोड़ पहुंच की अपनी विरासत को कायम रखा है। एपीटी की सफलता भारतीय डाक के कार्यबल के समर्पण और ग्रामीण-शहरी डिजिटल विभाजन को पाटने, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और प्रत्येक नागरिक को विश्व स्तरीय सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।