चंडीगढ़ 15 मार्च 2024
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक कानूनी नोटिस भेजा क्योंकि उन्होने पूर्ववर्ती अकाली-भाजपा सरकार द्वारा रिसाॅर्ट को 108 करोड़ रूपये की कर छूट देने तथा निजी निर्माण को सुविधाजनक बनाने के नियमों को तोड़-मरोड़कर पेश करने के संबध में झूठे और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाने के लिए औपचारिक माफी मांगने के लिए कहा है।
यह कहते हुए कि वह भगवंत मान को इस तरह के आरोप लगाकर भागने नही देंगें, सरदार बादल ने कहा,‘‘ अब मुख्यमंत्री को उनके हर बयान के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्हे अपने द्वारा लगाए गए प्रत्येक आरोप को साबित करना होगा यां जेल में जाने के लिए तैयार रहना होगा।
यह स्पष्ट करते हुए कि यदि मुख्यमंत्री ने सात दिनों के भीतर सुख विलास रिसाॅर्ट के अपने बयानों के लिए माफी नही मांगी तो वह उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करेंगें। सरदार बादल ने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री पहले से ही लुधियाना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मेरी और मेरे परिवार तथा अकाली दल की जानबूझकर की गई मानहानि के संबंध में वह श्री मुक्तसर साहिब की कोर्ट में पेश होने से बच रहे हैं।’’
वरिष्ठ वकील हिमांशु राज की ओर से कानूनी नोटिस जारी किया गया था। इसमें दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री ने अकाली दल अध्यक्ष पर निजी रिसाॅर्ट के निर्माण की सुविधा के लिए शिअद-भाजपा सरकार के दौरान नियमों में बदलाव करने का झूठा आरोप लगाया। इसमें कहा गया कि सच्चाई यह है कि पीएलपीए के तहत आने वाली जमीन के लिए सीएलयू देने की शक्ति केंद्र सरकार के पास है और पंजाब सरकार का इससे कोई लेना-देना नही है। इसमें कहा गया है कि मेट्रो इको ग्रीन रिजाॅर्ट लिमिटेड ने 20.80 एकड़ जमीन खरीदी और उसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय दरों के अनुसार प्रतिपूरक भत्ते और शुद्ध वर्तमान मूल्य के साथ पंजाब वन विभाग को हस्तांतरित किया गया। इसमें कहा गया कि इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद ही केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट की स्थापना को मंजूरी दी थी।
नोटिस ने मुख्यमंत्री के बेतुके आरोप को खारिज कर दिया कि पूर्ववर्ती अकाली-भाजपा सरकार केवल सुख विलास के निर्माण को सुविधाजनक बनाने के लिए टैक्स प्रोत्साहन के साथ एक इको टूरिजम पाॅलिसी लेकर आई थी और रिसाॅर्ट पूरा होने के बाद इसे रदद कर दिया गया था। नोटिस में कहा गया है पंजाब सरकार के इको टूरिज्म, सिसवां प्रोजेक्ट के अलावा, होशियारपुर में गज रिट्रीट और किंग निर्वाणा रिसाॅर्टस ने भी इस पाॅलिसी का लाभ उठाया था। इसमें कहा गया कि 2009 की इको टूरिज्म पाॅलिसी अभी भी अस्तित्व में है और राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार आठ होटलों और 56 उद्योगों ने मोहाली में इस पाॅलिसी का लाभ उठाया है और राज्य में 600 अन्य परियोजनाओं को इस पाॅलिसी से लाभ हुआ है।
नोटिस में कहा गया है कि 2022 में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा बनाई गई औद्योगिक और व्यवसाय विकास पाॅलिसी के तहत इको टूरिज्म और अन्य परियोजनाओं के लिए लाभ में बढ़ोतरी हुई है। इसमें कहा गया है कि एसजीएसटी छूट दस सालों के लिए 75 फीसदी से बढ़ाकर 15 साल के लिए 100 फीसदी कर दी गई है। इसी तरह बिजली शुल्क छूट को 10 साल के लिए 100 फीसदी से बढ़ाकर 15 साल के लिए 100 फीसदी कर दिया गया है।
कानूनी नोटिस में मुख्यमंत्री के इस आरोप को भी खारिज कर दिया गया कि मुख्य होटल को टेंट से जोड़ने वाली सड़क का निर्माण राज्य सरकार के फंडों का इस्तेमाल करके किया गया और मेट्रो इको ग्रीन्स द्वारा इसके लिए पंजाब मंडी बोर्ड को भुगतान के लिए 66.5 लाख रूपये के चेक का विवरण दिया गया था।
भगवंत मान के इस दावे के बारे में बोलते हुए कि सुख विलास को एसजीएसटी , बिजली शुल्क, लग्जरी टैक्स और सालाना लाइसेंस टैक्स् में 108 करोड़ रूपये की छूट दी गई है। नोटिस में कहा गया कि आज तक इको पर्यटन पाॅलिसी के तहत रिसाॅर्ट को 4.29 करोड़ रूपये का लाभ दिया गया था। इसमें कहा गया कि बिजली टैक्स में कुल 2.19 करोड़ रूपये की छूट दी गई जबकि लग्जरी टैक्स और लाइसेंस टैक्स पर 73.90 लाख रूपये की छूट दी गई ।