अमृतसर, 12/04/2025
पूर्व उपमुख्यमंत्री सरदार सुखबीर सिंह बादल को आज यहां तेजा सिंह समुदंरी हाॅल में पार्टी के प्रतिनिधि सत्र में सर्वसम्मति से शिरोमणी अकाली दल का अध्यक्ष चुना गया।वरिष्ठ नेता स. बलविंदर सिंह भूंदड़ ने सरदार सुखबीर सिंह बादल के नाम का प्रस्ताव रखा और स.परमजीत सिंह सरना ने इसका अनुमोदन किया।
प्रतिनिधियों ने किसी अन्य उम्मीदवार का प्रस्ताव नही किया गया, जिसके बाद पार्टी के मुख्य चुनाव अधिकारी गुलजार सिंह रणीके ने ‘बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के नारों के बीच स. बादल को पार्टी का नया अध्यक्ष घोषित किया गया। प्रतिनिधियों ने अकाली दल अध्यक्ष को पार्टी की नई वर्किंग कमेटी गठित करने के लिए भी अधिकृत किया।
अध्यक्ष के चुनाव के बाद सरदार सुखबीर सिंह बादल ने प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा,‘‘ मैं आपको प्रतिबद्धता देता हूं कि मैं खालसा पंथ, पंजाब और अकाली दल के सम्मान से संबंधित किसी भी मुददे पर कभी भी समझौता नही करूंगा।’’
पंथक एकता के लिए भावपूर्ण अपील जारी करते हुए सरदार बादल ने उन सभी लोगों से जो किसी भी शिकायत के कारण अकाली दल से दूर चले गए उन्हे अपने मतभेदों से उपर उठकर अकाली झंडे तले पंथक मुख्यधारा में वापिस आने का आहवाहन किया। उन्होने कहा,‘‘ हम खालसा पंथ और पंजाब के सदा आभारी हैं।’’
सरदार बादल ने यह भी बताया कि पिछले छह महीनों में अकाली दल और इसकी लीडरशीप को खत्म करने की साजिशें रची गई हैं। उन्होने कहा कि यह साजिश तब शुरू हुई जब अकाली दल ने तीन खेती बिलों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए भाजपा छोड़ दिया था। उन्होने कहा,‘‘ पिछले छह महीनों के दौरान इस साजिश को ओर तेज कर दिया गया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब हमने एनडीए छोड़ा तो केंद्र ने अपने पिटठूओं को आगे लाने का फैसला किया। उन्होने कहा कि श्री हजूर साहिब और श्री पटना साहिब बोर्डों के प्रबंधन का विस्तार करके उन्हें सरकारी कब्जे में ले लिया गया। केंद्र ने हरियाणा के लिए नई गुरुद्वारा कमेटी को तोड़ने के अलावा इसके नेताओं को भाजपा में शामिल करके डीएसजीएमसी को भी कब्जा कर लिया।’’
सरदार बादल ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि समुदाय के फैसलों को ऐसी ताकतों द्वारा प्रभावित किया जा रहा है यहां तक कि हमारे आदरणीय जत्थेदार साहिबान, जिन्हे पंथक हितों के संरक्षक के रूप में काम करना चाहिए था, उन्होने भी इन ताकतों के हाथों की कठपुतली बनना स्वीकार किया। मैं शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को बधाई देता हूं कि उन्होने हमारे तख्तों पर से सिख विरोधी ताकतों का कब्जा खाली करवा लिया है।’’
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने 2027 में अकाली दल को सत्ता में वापिस लाने के लिए प्रतिनिधियों का आहवाहन करते हुए कहा,‘‘ एक बार जब हमारे कार्यकर्ता अकाली दल को सत्ता में वापिस लाने का फैसला करते हैं तो यह सच में होगा। मैं अपनी ओर से आपकों आश्वासन देता हूं कि अगली अकाली सरकार गैंगस्टर कल्चर और ड्रग्ज माफिया को खत्म करने की अध्यक्षता करेगी, जिसे आम आदमी पार्टी द्वारा सरंक्षण दिया जा रहा है।’’ उन्होने यह भी घोषणा की कि अकाली दल राज्य के सर्वागींण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। हम राज्य में उद्योग वापिस लाएंगें। हम समाज के सभी वर्ग चाहे वह किसान हो यां कमजोर वर्ग का अधिकार मिलना सुनिश्चित करेंगें। मैं पंजाब को देश का नंबर एक राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’’
नए पार्टी अध्यक्ष ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़ का बेहद महत्वपूर्ण समय में पार्टी में उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होने यह भी घोषणा की कि पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल की बरसी 25 अप्रैल को लंबी में मनाई जाएगी। उन्होने कहा कि इस अवसर पर पंजाब के सभी जिला मुख्यालयों पर अखंड पाठ और भोग समारोह के साथ-साथ हरियाणा और दिल्ली में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगें।
प्रतिनिधि सेशन में वरिष्ठ नेता डाॅ. दलजीत सिंह चीमा और अन्य द्वारा कई प्रस्ताव पेश किए गए और सर्वसम्मति से पारित किए गए।
सुखबीर बादल ने पुलिस स्टेशनों पर ग्रेनेड हमलों, बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्तिंयों के साथ तोड़फोड़ और मंदिरों की बेअदबी पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
शिरोमणी अकाली दल ने केंद्र सरकार द्वारा किए गए वादे के अनुसार बंदी सिंहों की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए कहा कि भाई बलवंत सिंह राजोआणा की मौत की सजा को बिना किसी देरी के आजीवन कारावास में बदल दिया जाना चाहिए। इसने सभी राजनीतिक पार्टियों से राज्य में वास्तविक संघीय ढ़ांचे को लागू करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया, कहा कि जबकि केंद्र नियमित आधार पर राज्य की शक्तियों का दुरूपयोग कर रहा है।
पार्टी ने हरियाणा के पंजाबी भाषाई इलाकों और चंडीगढ़ को पंजाब में तबदील करने की मांग करते हुए इसे स्थायी केंद्र शासित प्रदेेश के रूप में बनाए रखने के प्रयासों की भी निंदा की। इसने मांग की कि पंजाबी भाषा को हरियाणा, हिमाचल प्रदेश , दिल्ली और अन्य क्षेत्रों में पंजाबी भाषा को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए जहां पंजाबी भाषा समुदाय रहता है। इसने सिख समुदाय के धार्मिक मामलों में सीधे हस्तक्षेप करने की भी आलोचना की और हरियाणा में अलग गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के गठन के लिए भाजपा और आप को दोषी ठहराया। अकाली दल वक्फ बोर्ड में हाल ही में किए गए संशोधनों की निंदा करते हुए इन्हे रदद करने की मांग की है।