चंडीगढ़, 1/10/2025
छात्रों में देशभक्ति की भावना भरने और उनके सपनों को पंख देने के लिए एक अहम और दूरदर्शी कदम उठाते हुए, पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री स हरजोत सिंह बैंस ने भारतीय वायु सेना से पाँच मिग-21 लड़ाकू जेट, जिन्हें हाल ही में सेवानिवृत्त किया गया है, को राज्य के प्रमुख स्कूल ऑफ़ एमिनेंस में प्रदर्शित करने की अपील की है, ताकि विद्यार्थियों को जीवन में नई ऊँचाइयाँ हासिल करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
शिक्षा मंत्री स बैंस ने वायु सेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल श्री अमर प्रीत सिंह को लिखे पत्र में कहा, “हम मिलकर, मिग-21 को एक जीवंत श्रद्धांजलि दे सकते हैं और अपनी आने वाली पीढ़ियों में देशभक्ति और समर्पण की भावना पैदा कर सकते हैं।” उन्होंने पाँच मिग-21 लड़ाकू जेट लुधियाना, अमृतसर, फिरोजपुर, नंगल और खरड़ के स्कूलों में प्रदर्शित करने का प्रस्ताव रखा।
उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य पंजाब के हजारों सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को रक्षा, इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस टेक्नॉलॉजी और अन्य संबंधित क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना है।
स हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि पंजाब सरकार इन स्कूलों में इन लड़ाकू विमानों की औपचारिक स्थापना के लिए भारतीय वायु सेना के साथ साझेदारी करने की योजना बना रही है, ताकि विद्यार्थियों में उत्कृष्टता और समर्पण की भावना को प्रोत्साहित किया जा सके। शिक्षा मंत्री ने आशा व्यक्त की कि स्कूलों में इन लड़ाकू विमानों की मौजूदगी विद्यार्थियों को रोज़ाना साहस, वीरता और दृढ़ संकल्प के लिए प्रेरित करेगी।
भारतीय वायु सेना की राष्ट्र के प्रति शानदार सेवाओं को सलाम करते हुए स हरजोत सिंह बैंस ने प्रतिष्ठित मिग-21 विमान की हाल ही में हुई सेवानिवृत्ति पर शुभकामनाएँ दीं और इसे भारत के रक्षा इतिहास में साहस, अनुशासन और समर्पण का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि मिग-21, जिसने 1965 की भारत-पाक युद्ध, 1971 की बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और 1999 की कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाई, अपनी गौरवशाली विरासत की याद दिलाते रहेंगे।
शिक्षा मंत्री ने भरोसा दिलाया कि भारतीय वायु सेना के प्रोटोकॉल और परंपराओं का सख्ती से पालन करते हुए इन विमानों की स्थापना और प्रदर्शनी पूरे सम्मान के साथ की जाएगी।
स बैंस ने कहा कि यह अनूठी पहल मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की नवोन्मेषी और परिवर्तनकारी शिक्षा नीति का हिस्सा है, जिसके तहत शिक्षा की गुणवत्ता को ऊँचा उठाने के लिए शिक्षकों के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम समेत कई अन्य दूरगामी कदम उठाए गए हैं।