चंडीगढ़ 23 मार्च 2024
ढोल की आवाज और रंगों की मस्ती के बिना होली का त्योहार अधूरा माना जाता है। देशभर में इस साल होली का त्योहार 25 मार्च को मनाया जाएगा। लोग इस दिन को खास बनाने के लिए एक-दूसरे को रंग- बिरंगे गुलाल लगाते हैं। हालांकि पहले के समय में लोग फूलों या उनसे बने रंगों से होली खेला करते थे, लेकिन आज होली खेलने लिए धड़ल्ले से रासायनिक कलर का इस्तेमाल किया जाता है। होली के इन रंगों में लेड ऑक्साइड, क्रोमियम आयोडाइड, कॉपर, सल्फेट, सीसा और एल्युमीनियम ब्रोमाइड जैसे रसायन मौजूद होते हैं। जो व्यक्ति के लिए सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन सकते हैं। पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ एच के खरबंदा ने इस मौके पर बताया कि आइए जानते हैं केमिकल वाले रंगों से होली खेलने पर सेहत को हो सकते हैं क्या बड़े नुकसान और क्या है बचाव के तरीके
आंखों से जुड़ी परेशानी-
केमिकल वाले रंगों में खासतौर पर सिलिका और सीसा मिलाया जाता है। इन रंगों की थोड़ी सी भी मात्रा आंखों में जाने पर आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। इस तरह के रंग आंखों में खुजली के साथ जलन पैदा करके आंखों की पुतलियों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं , यदि आंखों में रंग चला जाए तो आंखों को हाथों से रगड़े या मसाले नहीं , बल्कि रुमाल गिला करके आंखों पर रख ले और नजदीकी आंखों के डॉक्टर से संपर्क करें
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स-
केमिकल वाले रंगों से होली खेलते समय अगर ये ज्यादा मात्रा में मुंह में चले जाएं तो पेट से जुड़ी दिक्कतें पैदा कर सकते हैं। जिससे व्यक्ति को उल्टी, दस्त, पेट दर्द और पेट के इन्फेक्शन जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
विषाक्तता-
केमिकल वाले होली कलर्स को बनाते समय उनमें सीसा, पारा, क्रोमियम और अमोनिया जैसे खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में अगर होली खेलते समय ये रंग गलती से मुंह के भीतर चले जाते हैं या त्वचा में अवशोषित हो जाते हैं तो शरीर में विषाक्तता बढ़ सकती है। जिससे शरीर कैंसर गंभीर बीमारी की चपेट में भी आ सकता है। इसके अला तरह के रंग गर्भवती महिलाओं और उनके विकासशील भ्रूण के लिए भी खतरा पैदा कर सकते हैं।
सांस से जुड़ी समस्याएं-
होली के कलर्स में पारा, कांच, सिलिका जैसे खतरनाक केमिकल्स मिलाए जाते हैं, जो फेफड़ों को डैमेज कर सकते हैं। इसके अलावा ये कलर्स सांस से जुड़ी बीमारियों के बढ़ने की भी वजह बन सकते हैं। जिसके चलते सांस लेने में परेशानी और खांसी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
स्किन से जुड़ी समस्याएं-
केमिकल वाले रंगों से होली खेलने पर रैशेज, बर्निंग, खुजली और रेडनेस की समस्या देखने को मिल सकती है। कुछ लोगों को रंगों से एलर्जी की भी शिकायत हो जाती है, जिसकी वजह से त्वचा पर छोटे-छोटे दाने उभर जाते हैं।
होली खेलते समय बरतें ये सावधानियां-
-होली खेलने के लिए हमेशा हर्बल रंगों का इस्तेमाल करें।
-होली के रंगों से आंखों को सुरक्षित रखने के लिए चश्मा पहनें। – होली के केमिकल वाले रंगों से चेहरे और स्किन को सुरक्षित रखने के लिए होली खेलने से पहले शरीर पर तेल लगा लें। ऐप पर पढ़ें आंख या मुंह में गलती से रंग चला जाए, तो तुरंत पानी से धो लें या कुल्ला कर लें।