चंडीगढ़, 21/05/2025
देश की प्रमुख मास-प्रीमियम कार निर्माता कंपनी किया इंडिया ने अपनी डी.आर.ओ.पी. (डेवलप रिस्पॉन्सिबल आउटलुक फॉर प्लास्टिक) सीएसआर पहल के तीसरे चरण की शुरुआत चंडीगढ़, पंजाब में इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आईपीसीए) के सहयोग से की। परियोजना डी.आर.ओ.पी. किया इंडिया की प्रमुख सीएसआर पहल है, जिसका उद्देश्य प्लास्टिक कचरे के प्रति सार्वजनिक सोच में बदलाव लाना है, साथ ही पर्यावरणीय स्थिरता और समुदाय-आधारित कचरा प्रबंधन समाधानों के प्रति ब्रांड की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करना है।
दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, मुंबई, विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा में प्लास्टिक कचरे को सतत रूप से प्रबंधित करने का मार्ग प्रशस्त करने के बाद अब यह परियोजना पंजाब और हरियाणा के राज्यों में चंडीगढ़, ज़ीरकपुर और पंचकूला तक विस्तारित हो गई है।
इस समारोह में मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) आदर्श पाल विग, अध्यक्ष, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी); विशिष्ट अतिथि श्री जसबीर सिंह बंटी, वरिष्ठ उपमहापौर, नगर निगम चंडीगढ़; श्री गुलशन, कार्यकारी निदेशक, एमजीएसआईपीए, पंजाब सरकार; श्री हरदीप एस. बराड़, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय प्रमुख, बिक्री एवं विपणन, किया इंडिया; और महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान, पंजाब के एक प्रमुख प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी गणमान्य व्यक्तियों ने इस पहल की जमीनी प्रभावशीलता और राष्ट्रीय पर्यावरणीय प्राथमिकताओं से इसके मेल को सराहा।
परियोजना डी.आर.ओ.पी., किया इंडिया की एक सीएसआर पहल है, जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय स्थिरता और प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन को लेकर टिकाऊ व्यवहार को बढ़ावा देना है। यह पहल लोगों और समुदायों में उत्तरदायित्व की भावना को प्रोत्साहित करती है, स्रोत पर प्लास्टिक की छंटाई, पुनर्चक्रण और सामग्री पुनर्प्राप्ति को बढ़ावा देती है।
किया इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय प्रमुख, बिक्री एवं विपणन श्री हरदीप एस. बरार ने कहा, “किया इंडिया में हम प्रकृति से प्रेरणा लेते हैं और उसके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सोच हमें सभी प्रयासों में सतत, चक्रीय दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करती है। 2023 में आरंभ हुई परियोजना डी.आर.ओ.पी. ने भोंडसी में वेस्ट रिकवरी सेंटर और नोएडा में रिसाइक्लिंग यूनिट जैसी पहलों के माध्यम से प्लास्टिक कचरा प्रबंधन को मजबूत किया है। इस परियोजना ने पर्यावरणीय प्रभाव से परे, कबाड़ी और प्रोसेसर के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न किए हैं, साथ ही नगर निगमों को प्लास्टिक कचरा प्रबंधन की चुनौती से निपटने में सहायता की है। यह दिखाता है कि कॉर्पोरेट जगत कैसे व्यापार से परे जाकर समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।”
अपने संबोधन में प्रो. (डॉ.) आदर्श पाल विग ने कहा, “मैं किया इंडिया को उनकी सीएसआर पहल ‘ड्रॉप’ के माध्यम से प्लास्टिक कचरे के समाधान की दिशा में किए जा रहे सराहनीय प्रयासों और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए बधाई देता हूं। प्लास्टिक कचरे जैसे जटिल मुद्दे का सतत समाधान तलाशना वास्तव में प्रशंसनीय है। मैं किया इंडिया और इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आईपीसीए) को पंजाब में स्थिरता पहलों को आगे बढ़ाने, विशेष रूप से राज्य में परिपत्र अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए, निरंतर सफलता की शुभकामनाएं देता हूं। उनके संयुक्त प्रयास निश्चित रूप से क्षेत्र के लिए एक स्वच्छ और हरित भविष्य की दिशा में योगदान देंगे।”
आईपीसीए के सचिव श्री अजय गर्ग ने किया इंडिया की सीएसआर पहल ‘प्रोजेक्ट ड्रॉप’ की यात्रा पर गर्व व्यक्त किया, जिसे आईपीसीए द्वारा 8 शहरों में क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘इस परियोजना की सोच आईपीसीए के सतत कचरा प्रबंधन को बढ़ावा देने और समुदायों को जिम्मेदार उपभोग व्यवहार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के संकल्प के अनुरूप है।
किया इंडिया की सीएसआर पहल डी.आर.ओ.पी., जो 1 जनवरी 2023 को शुरू हुई थी, अब तक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 20 लाख से अधिक लोगों को लाभ पहुंचा चुकी है। लक्षित 789 सुविधाओं में से अब तक 7200 टन प्लास्टिक कचरा एकत्र किया जा चुका है, जिससे लगभग 9800 सीओ2 समतुल्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम किया गया है। यह पहल 66% आवासीय कल्याण संघों, 21% शैक्षणिक संस्थानों और 13% वाणिज्यिक परिसरों तक पहुंच चुकी है।
तीसरे चरण के साथ यह पहल अब चंडीगढ़, पंचकूला और ज़ीरकपुर तक विस्तारित हो रही है, जिससे इसका दायरा गुरुग्राम, मुंबई, बेंगलुरु, विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2025 में यह विस्तार कुल 1100 सुविधाओं को कवर करेगा, जिसमें 311 नई सुविधाएं जुड़ेंगी और सभी 8 स्थानों से 7000 टन प्लास्टिक कचरा एकत्र करने का लक्ष्य है।
किया इंडिया के बारे में:- अप्रैल 2017 में, किया इंडिया ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ अनंतपुर ज़िले में एक नया विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। अगस्त 2019 में किया ने सामूहिक उत्पादन शुरू किया और इसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 3 लाख इकाइयों की है। अप्रैल 2021 में, किया इंडिया ने अपने नए ब्रांड पहचान “मूवमेंट दैट इंस्पायर्स” के तहत स्वयं को पुनर्परिभाषित किया, जिसका उद्देश्य ग्राहकों को इनोवेटिव उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से सार्थक अनुभव प्रदान करना है। अब तक किया इंडिया ने भारतीय बाजार के लिए पांच वाहन लॉन्च किए हैं – सेल्टोस, कार्निवल, सॉनेट, कैरेंस और ईवी6। किया इंडिया ने अपने अनंतपुर संयंत्र से लगभग 16 लाख वाहनों की आपूर्ति की है, जिसमें 12 लाख से अधिक घरेलू बिक्री और 3.67 लाख से अधिक निर्यात शामिल हैं। देशभर की सड़कों पर 4.5 लाख से अधिक कनेक्टेड कारों के साथ किया, भारत में कनेक्टेड कार्स के क्षेत्र में अग्रणी ब्रांडों में से एक है। ब्रांड की देशभर में 700 टचपॉइंट्स के साथ उपस्थिति है और यह अपने नेटवर्क को और सशक्त बनाने पर केंद्रित है।
परियोजना डी.आर.ओ.पी. के बारे में:
परियोजना डी.आर.ओ.पी. (डेवलप रिस्पॉन्सिबल आउटलुक फॉर प्लास्टिक) किया इंडिया की एक सीएसआर पहल है, जिसे आईपीसीए द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य प्लास्टिक कचरे के प्रति लोगों की सोच को बदलना, स्रोत पर छंटाई को बढ़ावा देना, रिसाइक्लिंग को प्रोत्साहित करना और दीर्घकालिक पर्यावरणीय चेतना का निर्माण करना है। यह वर्तमान में आठ शहरों में संचालित है: गुरुग्राम, बेंगलुरु, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, मुंबई, चंडीगढ़, पंचकूला और ज़ीरकपुर।
आईपीसीए के बारे में:
2001 में स्थापित आईपीसीए एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो भारत भर में सतत कचरा प्रबंधन के लिए समर्पित है। यह संगठन समुदाय की भागीदारी, क्षमता निर्माण और नीतिगत सुझावों पर विशेष ध्यान देता है, और देश की पर्यावरणीय चुनौतियों के लिए नवाचारपूर्ण समाधान प्रदान करता है।