नई दिल्ली/वॉशिंगटन 19/07/2025
भारत और अमेरिका के अधिकारियों के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते (Trade and Economic Partnership) पर पाँचवें दौर की वार्ता हाल ही में संपन्न हुई। इस उच्च स्तरीय वार्ता का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और अधिक गहराई देना और लंबित शुल्क संबंधी मुद्दों को सुलझाना था।
सूत्रों के अनुसार, भारत ने इस बातचीत में तीन प्रमुख क्षेत्रों में टैरिफ में छूट की मांग रखी
मुख्य बातें
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर पाँचवें दौर की वार्ता संपन्न
भारत ने 26% अतिरिक्त शुल्क हटाने की प्रमुखता से मांग की
स्टील, एल्युमिनियम और ऑटो सेक्टर पर लगने वाले टैरिफ को लेकर चर्चा
व्यापार और निवेश बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: क्या है मामला?
भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते (Proposed Trade Pact) को लेकर हाल ही में पाँचवें दौर की उच्च स्तरीय वार्ता संपन्न हुई। यह बैठक द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को और अधिक सुदृढ़ बनाने तथा व्यापार में बाधा बन रहे टैरिफ और शुल्क जैसे मुद्दों पर फोकस के लिए आयोजित की गई थी।
इस वार्ता में भारत ने खासतौर पर तीन अहम क्षेत्रों में टैरिफ में छूट की मांग की है:
1. 26% अतिरिक्त शुल्क हटाने की मांग
भारतीय अधिकारियों ने अमेरिका द्वारा कुछ उत्पादों पर लगाए गए 26% अतिरिक्त टैरिफ को अनुचित और व्यापार अवरोधक करार दिया। भारत ने स्पष्ट कहा कि यह शुल्क हटाया जाना जरूरी है ताकि भारतीय निर्यातकों को अमेरिका में उचित प्रतिस्पर्धा का अवसर मिले।
2. स्टील और एल्युमिनियम पर 50% टैरिफ में कटौती की अपील
स्टील और एल्युमिनियम भारतीय उद्योगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। अमेरिका द्वारा इन उत्पादों पर लगाया गया लगभग 50% शुल्क भारतीय निर्यात को प्रभावित करता है। भारत चाहता है कि इन उत्पादों को टैरिफ रियायतों के तहत लाया जाए, ताकि मेक इन इंडिया पहल को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिले।
3. ऑटोमोबाइल सेक्टर पर 25% शुल्क में राहत की माँग
भारत ने अमेरिका से यह भी मांग की है कि ऑटो सेक्टर पर लगने वाला 25% टैरिफ भी कम किया जाए। इससे भारतीय ऑटो कंपनियों को अमेरिकी बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धी बढ़त मिलेगी और वैश्विक ब्रांडिंग का अवसर मिलेगा।
4. व्यापार संतुलन की दिशा में बड़ा कदम
यह व्यापार वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत कर रहे हैं। टैरिफ संबंधी मुद्दों का हल निकलने से दोनों देशों के बीच वर्षों से लंबित व्यापार समझौते को नया जीवन मिल सकता है।
विशेषज्ञों की राय
व्यापार नीति विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिका भारत की मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाता है, तो दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में एक नया युग शुरू हो सकता है। इसके अलावा, यह कदम निवेशकों और विनिर्माण क्षेत्र के लिए भी उत्साहवर्धक साबित होगा।
आगे की राह
वार्ता के अगले (छठे) चरण की तारीख की घोषणा शीघ्र की जा सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका भारत की मांगों को कितना स्वीकार करता है और इस बहुप्रतीक्षित समझौते की दिशा में कितनी प्रगति होती है।