चंडीगढ़,29 जून 2024
यूथ अकाली दल के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने आज सरदार सुखबीर सिंह बादल के दृढ़ अगुवाई में पूर्ण विश्वास जताते हुए कहा कि इस समय केवल वही शिरोमणी अकाली दल को प्रभावी तरीके से नेतृत्व कर सकते हैं।
यूथ अकाली दल ने एक आवाज में कहा कि सिद्धांतों पर कभी कोई समझौता नही किया जा सकता और खालसा पंथ, पंजाब और अकाली दल की प्रतिष्ठा से समझौता न करने के लिए अकाली दल अध्यक्ष की सराहना की। यूथ अकाली दल ने पार्टी की शीर्ष लीडरशीप के एक वर्ग के भारी दबाव के बावजूद,जो अपने गुप्त मकसदों को पूरा करने के लिए पार्टी के सिद्धांतों को त्याग कर भाजपा के साथ गठबंधन करने के इच्छुक थे, पूरे रैंक और फाइल ने सरदार सुखबीर सिंह बादल की भाजपा के साथ गठबंधन करने से इंकार करने के लिए भरपूर सराहना की है।
इस अवसर पर बोलते हुए सरदार सुखबीर सिंह बादल ने पिछले दो महीनों से अधिक समय के घटनाक्रम के बारे में यूथ अकाली दल के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को विस्तार से बताया। उन्होने कहा,‘‘ मैं आसानी से भाजपा के साथ गठबंधन कर सकता था, लेकिन मैने ऐसा करने से इंकार कर दिया, क्योंकि मुझे पंजाब के मुख्य मुददों जैसे बंदी सिंहों, किसानों और राज्य के नदी जल और राज्य की राजधानी जैसे मुददों पर चर्चा किए बिना सीटों के समझौते से इंकार कर दिया। मैंने ऐसा इसीलिए किया क्योंकि मैं किसी भी कीमत पर पंथ, किसानों और पंजाबियों को धोखा नही दे सकता था।’’ उन्होने कहा कि उनके द्वारा सैद्धांतिक रूख के बावजूद पार्टी के नेता अब पार्टी के खिलाफ बोल रहे हैं, क्योंकि उन्हे व्यक्तिगत रूप से भाजपा से संपर्क कर उनके साथ सौदेबाजी की है। उन्होने कहा,‘‘ मैंने सौदा करने से इंकार कर दिया, क्योंकि मैं अवसरवादी वाली राजनीति में विश्वास नही करता हूं। मैं अकाली दल के आदर्शो पर चलने के लिए प्रतिबद्ध हूं और ऐसा करना जारी रखूंगा। ।’’
अकाली दल अध्यक्ष ने यूथ अकाली दल की लीडरशीप के सुझावों को सुना, जिसमें यह सुझाव भी शामिल था कि चुनाव राजनीति में युवाओं को प्रतिनिधित्व देकर पार्टी में नए जोश का संचार किया जाए। उन्होने कहा कि पार्टी की यूथ विंग को सार्थक जिम्मेदारियां देने और इसे और भी मजबूत करने के लिए एक कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
यूथ अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सरबजीत सिंह झिंझर ने युवाओं से अवसरवादी तत्वों से दूर रहकर पार्टी में फूट डालकर अकाली दल को कमजोर करने की साजिशों को नाकाम करन की अपील की है। उन्होने युवाओं से उन केंद्रीय एजेंसियों से सावधान रहें जिनका इस्तेमाल सिखों के धार्मिक मामलों को नियंत्रित करने के लिए किया जा रहा है। इस अवसर पर डाॅ. दलजीत सिंह चीमा और परमबंस सिंह रोमाणा सहित अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।