चंडीगढ़ 8 फरवरी: शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने आज गुरुद्वारा चुनाव आयुक्त से हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (एचएसजीएमसी) की चुनाव प्रक्रिया शुरू करने से पहले मतदाता सूची को, जिसमें गैर-सिखों को सूची में शामिल करना और मतदाता सूची में मतदाताओं की तस्वीरें नही लगाने सहित कई अनियमितताओं को संशोधित करने की अपील की है। यहां एक प्रेस कांफ्रेेंस को संबोधित करते हुए एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा, ‘‘ एचएसजीएमसी के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा राजनीतिक पार्टियों के साथ कोई मीटिंग किए बिना जल्दबाजी में की गई है’’। उन्होने कहा कि चुनाव के लिए प्रतीकों के आवंटन के लिए राजनीतिक पार्टियों को पंजीकृत करने का कोई प्रावधान नही रखा गया और इसे सिखों के प्रतिनिधि निकाय-शिरोमणी अकाली दल को पंजीकरण से वंचित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। उन्होने कहा,‘‘ इसे तत्काल ठीक किया जाना चाहिए’’।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि कुछ मतदान सूचियों के अवलोकन से बड़ी संख्या में गैर-सिख नामों का पता चला है, जो गुरुद्वारा चुनावों में मतदान के पात्र नही थे। उन्होने कहा कि इसके अलावा, मतदाताओं की तस्वीरें मतदाता सूची में शामिल नही की गई हैं, जिससे वास्तविक मतदाताओं की पहचान करना मुश्किल हो जाएगा और इसके कारण गड़बड़ी हो सकती है।
सरदार धामी ने कहा कि चुनाव मे वोट डालने के लिए पूरे राज्य में केवल 390 बूथ निर्धारित किए गए हैं। उन्होने कहा, ‘‘ इसका मतलब है कि औसतन बीस गांवों के मतदाता एक निर्दिष्ट बूथ पर मतदान करेंगें’’। उन्होने कहा कि इससे मतदाताओं को बहुत असुविधा होगी।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने यह भी खुलासा किया कि एसजीपीसी ने श्री हजूर साहिब के पुनर्गठन के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया था। उन्होने कहा कि बोर्ड में नामांकित सदस्यों की संख्या दो से बढ़ाकर 12 कर दी गई, जबकि बोर्ड में एसजीपीसी का प्रतिनिधित्व चार से घटाकर 2 कर दिया गया है। उन्होने कहा,‘‘ यह बोर्ड के सरकारी अधिग्रहण के समान है, जिसकी पूरी सिख संगत निंदा कर रही है। हम महाराष्ट्र सरकार से अपील करते हैं कि सिख समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस फैसले को तत्काल वापिस लिया जाए’’।
इस बीच प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि सिख समुदाय के धार्मिक मामलों में कोई सरकारी हस्तक्षेप नही होना चाहिए, उनहे समय पर अपने धर्मस्थलों का प्रबंधन करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होने कहा कि सिख संगत को सभी आपत्तियों पर विचार करने के बाद ही हरियाणा में गुरुद्वारा चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए तथा साथ ही उन्होने महाराष्ट्र कैबिनेट से एचएसजीएमसी के पुनर्गठन के अपने आदेश वापिस लेने की अपील की है। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता सिकंदर सिंह मलूका और सुरजीत सिंह रखड़ा भी मौजूद थे।