नई दिल्ली, 2/06/2025
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष श्री हरमीत सिंह कालका ने आज जोरदार दावा किया कि गुरुद्वारा कमेटी कभी भी गुरुद्वारे की संपत्तियों का मूल्यांकन करने की इजाजत नहीं देगी, जैसा कि पहले के अध्यक्षों की ओर से आरोप लगाया जा रहा है।
श्री कालका ने कहा कि वे समझते हैं कि राजनीतिक विरोधी उन्हें उनकी खुद की गलतियों का दोषी ठहरा रहे हैं।
मीडिया से बात करते हुए श्री कालका ने कहा कि डीएसजीएमसी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में समस्या 2006 में शुरू हुई थी, जब पिछले अध्यक्ष के कार्यकाल में छठे वेतन आयोग की घोषणा हुई थी। उस समय की कमेटी वेतन वृद्धि को संभालने में असफल रही।
उन्होंने कहा कि 2016 के वेतन आयोग में वेतन और भी बढ़ गए और तब की डीएसजीएमसी भी बढ़े हुए वेतन देने में असफल रही। दोनों वेतन वृद्धियों के बकाए बड़ी रकम में जमा हो गए और डीएसजीएमसी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों के स्टाफ ने अदालतों में केस दर्ज करवाए।
उन्होंने कहा कि जब हमने तीन साल पहले कमेटी की जिम्मेदारी संभाली, तो हमने इस समस्या को सुलझाने की कोशिश की। हमने अदालतों में केसों की पैरवी की और डीएसजीएमसी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों को वेतन वृद्धि और बकाए देने के लिए 114 करोड़ रुपये की सहायता भी दी। उन्होंने आगे बताया कि मौजूदा कमेटी का इरादा बहुत स्पष्ट है कि संगत द्वारा दिए गए एक भी पैसे की गलत वर्जन नहीं होने दी जाएगी।
श्री कालका ने कहा कि मैं सभी को, विशेष रूप से स्कूलों के