चंडीगढ़, 28/06/2025
मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार जहां अन्य वर्गों के उत्थान के लिए दिन-रात काम कर रही है, वहीं अनुसूचित जाति के बच्चों को भी समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए लगातार विशेष प्रयास कर रही है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए पंजाब सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान 245 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। यह जानकारी सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने दी।
अधिक जानकारी साझा करते हुए डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 2 लाख 70 हजार अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने में सहायक सिद्ध होगा।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में भी पंजाब सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 2 लाख 36 हजार 575 विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया था और राज्य सरकार की ओर से 266.57 करोड़ रुपये की राशि अदा की गई थी।
उन्होंने कहा कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत विद्यार्थियों से ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने के लिए जल्द ही डॉ. अंबेडकर स्कॉलरशिप पोर्टल खोला जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए जिला स्तर पर जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे।
कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार अनुसूचित जाति के योग्य विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का लाभ देकर यह प्रयास कर रही है कि ये बच्चे पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि जिन वर्गों के साथ सदियों से भेदभाव होता रहा है, उनके योग्य बच्चे आर्थिक अभाव के कारण शिक्षा से वंचित न रह जाएं।
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत हजारों एस.सी. विद्यार्थियों ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर आज उच्च पदों पर नौकरियों में, सरकारी सेवाओं में तथा अपने व्यवसायों में सफलता पाई है। उन्होंने कहा कि यह योजना विद्यार्थियों को केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि उनके उज्जवल भविष्य के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करती है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ प्रत्येक योग्य विद्यार्थी तक अवश्य पहुँचाया जाए जिसे इस योजना की वास्तव में जरूरत है। साथ ही, उन्होंने यह भी जोर दिया कि इस योजना को पूरी पारदर्शिता, सुचारु और प्रभावशाली ढंग से लागू किया जाए।