नई दिल्ली, 14/10/2025
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर की तरफ बढ़ रहा है. हर साल अक्टूबर के पहले हफ्ते में प्रदूषण का आतंक शुरू हो जाता है. बताया जा रहा है कि अगले चार महीने तक दिल्ली एनसीआर के लोगों को सांस लेने के लिए साफ हवा नहीं मिल सकेगी. दिवाली से पहले ही प्रदूषण में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान के पहले चरण को दिल्ली एनसीआर में लागू कर दिया गया है. ग्रेप का पहला चरण एयर क्वालिटी इंडेक्स 201 से 300 के बीच होने पर लागू किया जाता है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स 211 दर्ज किया गया
मंगलवार को हुई GRAP की सब कमेटी की बैठक में दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 211 दर्ज किया गया जो खराब श्रेणी में आता है. IMD और IITM द्वारा अगले कुछ दिनों तक एयर क्वालिटी इंडेक्स इसी श्रेणी में बने रहने का अनुमान जताया गया है. इस स्थिति को देखते हुए सब कमेटी ने ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान की स्टेज-1 के सभी प्रावधानों को लागू करने का निर्णय लिया है. दिल्ली एनसीआर में सभी संबंधित एजेंसियों को CAQM द्वारा निर्देशित किया गया है कि वायु प्रदूषण को और अधिक बढ़ने से रोकने के लिए सतर्कता बढ़ाने और सभी आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया गया है.
बढ़ते प्रदूषण के चलते ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान का पहला चरण लागू
CAQM ने सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान की स्टेज-1 के तहत आने वाले सभी प्रावधानों को शक्ति से लागू किया जाए. इसके साथ ही आम नागरिकों से भी अनुरोध किया गया है कि सभी नियमों को और जारी किए गए नागरिक चार्टर का पालन करे. सब कमेटी द्वारा वायु गुणवत्ता की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और आने वाले समय में स्थिति के अनुसार कदम उठाए जाएंगे. बता दें कि जून 2025 में बढ़ते प्रदूषण के चलते ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान का पहला चरण लागू किया गया था.
प्रदूषण ठीक करने में कम से कम 2 साल लगेंगे: योगेन्द्र चंदोलिया
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण GRAP-1 तत्काल प्रभाव से लागू होने पर भाजपा सांसद योगेन्द्र चंदोलिया ने कहा, “ग्रैप 1 लागू हो गया है. दिल्ली में पिछले 11 सालों से इस मुद्दे को हम उठाते थे. हम बार-बार प्रदूषण की बात करते थे. जैसी दिल्ली हमें मिली है उसे ठीक करने में कम से कम 2 साल लगेंगे. इसकी पूरी रुप रेखा तैयार है. इस बार बारिश के कारण प्रदूषण कम हुआ है लेकिन उससे गड्ढे होते हैं उससे प्रदूषण ज्यादा होता है.”
ग्रैप स्टेज-1 में बताई गई बातों का पालन करें
वाहन के इंजन ठीक से ट्यून रखें व टायर में उचित हवा भरवाएं
प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र अपडेट रखें.
ट्रैफिक सिग्नल पर वाहन बंद करें, अनावश्यक रूप से इंजन चालू न रखें
हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग करें.
खुले में कचरा या कूड़ा न डालें और न ही जलाएं.
प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की 311 ऐप, SAMEER ऐप या ग्रीन दिल्ली ऐप पर रिपोर्ट करें.
लागू होंगी ये पाबंदियां
निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव व एंटी-स्मॉग गन अनिवार्य.
500 वर्गमीटर या उससे बड़े निर्माण स्थल बिना पंजीकरण और निगरानी तंत्र के निर्माण कार्य नहीं कर सकेंगे.
खुले में कचरा व जैविक अपशिष्ट जलाने पर सख्त प्रतिबंध, उल्लंघन पर भारी जुर्माना.
पुराने डीजल/पेट्रोल वाहनों पर सख्त कार्रवाई, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जब्ती.
ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से गैर-निर्धारित ट्रकों की दिल्ली में एंट्री पर रोक.
सभी औद्योगिक इकाइयों और ईंट-भट्ठों में केवल स्वीकृत ईंधन का ही उपयोग.
होटल-रेस्तरां में कोयला व लकड़ी से चलने वाले तंदूर पर रोक, सिर्फ गैस या इलेक्ट्रिक उपकरणों की अनुमति.
लैंडफिल साइट्स व डंपिंग यार्ड पर आग जलाने की घटनाओं पर नजर और रोकथाम.
निर्माण स्थल पर निर्माण सामग्री की ढककर रखें, ढंके ट्रकों से इसे लाएं ले-जाएं.
ट्रैफिक जाम वाले क्षेत्रों में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती, वाहनों की प्रदूषण जांच में सख्ती.