भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच बुधवार से लॉर्ड्स, लंदन में शुरू हुआ है। दोनों टीमों ने अब तक एक-एक जीत दर्ज की है और पाँच मैचों की यह श्रृंखला इस निर्णायक मुकाबले से अत्यधिक रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुकी है। आइए पहले दिन की घटनाओं पर एक विस्तृत नजर डालते हैं
टॉस और ओवरऑल माहौल
मैच से एक दिन पहले, इंग्लैंड की कप्तानी करने वाले बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया । लॉर्ड्स पिच गर्म और सुखी दिख रही है, तापमान करीब 30–32°C तक पहुंच सकता है, और कोई बारिश की चेतावनी नहीं है । वहीं, जॉफ़्रा आर्चर, जिनका आखिरी टेस्ट फरवरी 2021 में था, एक बड़ी वापसी कर रहे हैं । भारत की ओर से जसप्रीत बुमराह की वापसी भी देखने को मिली
दूसरे सत्र तक की स्थिति
पहले सत्र में भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी की जोरदार शुरुआत रही। नितीश कुमार रेड्डी ने पहले ओवर में दो विकेट लिए—बेन डकट (23) और ज़ैक क्रॉवली (18) को पवेलियन भेजा । इसके बाद बुमराह, सीराज और आकाश दीप ने संयुक्त रूप से इंग्लिश बल्लेबाज़ों को दबाव में रखा ।
लंच तक इंग्लैंड का स्कोर 83/2 था, और उसके बाद जो रूट और ओल्ली पोप ने चौथे विकेट के लिए महत्वपूर्ण साझेदारी (109 रन) कर टीम को सँभाला । लंच के बाद रूट ने अपना 67वाँ टेस्ट अर्धशतक पूरा किया, वहीं पोप 44 रनों पर नाबाद रहे ।
दिन का समापन
टी के समय इंग्लैंड 153/2 पर पहुँचा । दिन के पहले सत्र में सटीक गेंदबाज़ी और बाद में बल्लेबाज़ों ने संयमपूर्ण बल्लेबाज़ी से इंग्लैंड की स्थिति मजबूत की। जो रूट ने दिन का अंत नाबाद 90 रनों के साथ किया, और कप्तान बेन स्टोक्स 37* पर क्रीज पर थे । बुमराह की वापसी ने भारत की गेंदबाज़ी बल को जोड़ दिया, वहीं रूट और स्टोक्स ने धीमी लेकिन स्थिर राह से इंग्लैंड की हालात सँभाली ।
पॉइंटर्स और तकनीकी बदलाव
रिषभ पंत के फिंगर में चोट लग गई और उन्हें फील्ड छोड़नी पड़ी । उनकी जगह ध्रुव जुरेल ने विकेटकीपिंग संभाली। पूर्व खिलाड़ी दिनेश कार्तिक ने जुरेल की तकनीक की तारीफ की और कहा कि वह “स्टम्प्स के करीब” और तेज़ी से प्रतिक्रिया करते हैं ।
कंपनी के गेंद (Dukes ball) को दोनों टीमों ने लेकर शिकायत की कि वे तेज़ी से खराब हो रही हैं। एलन बोलें कि गेंद की गुणवत्ता पर संवाद चल रहा है ।
रणनीति और आगे की राह
इंग्लैंड की रणनीति इस दिन पारंपरिक ‘Bazball’ से हटकर सतर्क और संयमपूर्ण थी जिसका फायदा उन्हें मिला। भारत ने तेज़ और स्पिन दोनों का सटीक उपयोग किया—बुमराह ने गति दी, वहीं जडेजा और सुंदर ने स्पिन के जरिए रूट, पोप जैसे बल्लेबाज़ों को फँसाने की कोशिश की । शुभमन गिल (इंडिया कप्तान) को पितृ–पुण्य पर्व गुरु पूर्णिमा के मौके पर सम्मान देने के साथ-साथ ऋषभ पंत की चोट पर चिंता जताते देखा गया ।
पहला दिन पारंपरिक टेस्ट क्रिकेट की याद दिलाने वाला रहा—जहाँ संयम, रणनीति, तेज़ गेंदबाज़ी और पिच पढ़ने की कला प्रमुख रही। इंग्लैंड ने हावी होकर दिन को समाप्त किया, लेकिन भारत गेंदबाज़ी में संतुलन बनाए हुए है। आर्चर और बुमराह की उपस्थिति से दोनों टीमें अतिरिक्त आक्रामक हैं, और इससे पूरे मैच का रोमांच और बढ़ गया है। इस सीरीज का आगे का निर्णायक चरण अब खुलकर बोल्ट की तरह आगे बढ़ेगा, विशेषकर लॉर्ड्स जैसी ऐतिहासिक पिच पर।
इस तरह, पहला दिन टेस्ट क्रिकेट का असली मज़ा देने वाला रहा—जहाँ पारंपरिक कौशल और रणनीतिक सोच का बेहतरीन संगम देखने को मिला। शेष चार दिन इस मैच की दिशा तय करेंगे, जो विश्व क्रिकेट प्रेमियों का उत्साह बनाए रखे हुए हैं।