नई दिल्ली, 07/04/2025
पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह द्वारा आज केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा से अपील की गई कि ई-फार्मेसियों को नियमित करने के लिए सख्त नियम लाये जाए, खासकर ताकि मनोवैज्ञानिक बीमारियों के इलाज से संबंधित दवाएं (सायकॉट्रॉपिक दवाएं) बिना डॉक्टर की पर्ची के बेची न जा सकें। पंजाब के कैबिनेट मंत्री द्वारा की गई यह अपील पंजाब द्वारा नशों के खिलाफ शुरू की गई मुहिम से सम्बंधित है और ड्रग्स और कॉस्मेटिक एक्ट 1940 और नारकोटिक ड्रग्स और सायकॉट्रॉपिक सब्स्टेंस एक्ट 1985, जो ऐसी दवाओं की बिक्री को नियमित करते हैं, के नियमों की रोशनी में है। डॉ. बलबीर सिंह द्वारा यह मुद्दा यहां के निर्माण भवन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक के दौरान उठाया गया।
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा की गई यह अपील ऑनलाइन प्लेटफार्मों के दुरुपयोग से संबंधित है। उन्होंने इस जरूरत पर जोर दिया कि सख्त नियम यह सुनिश्चित करेंगे कि ये दवाएं केवल मेडिकल निगरानी में उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि इससे पंजाब में नशों के खिलाफ चल रही बड़ी पैमाने की मुहिम को और मजबूती मिलेगी। डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा इस मामले पर सहमति व्यक्त की गई।
आयुष्मान बीमा योजना तहत पंजाब की स्वास्थ्य एजेंसी के केंद्र से बकाया फंडों के मुद्दे पर भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा योजना को सफलतापूर्वक चलाने के लिए करीब 54 करोड़ रुपए जारी करने के लिए सहमति दी गई है। श्री नड्डा ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को आश्वस्त किया कि करीब 50 करोड़ रुपए आने वाले हफ्तों/महीनों में कुछ औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जारी कर दिए जाएंगे।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पंजाब में दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए चल रही मुहिम को इस कदम से मजबूती मिलेगी क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रेगाबालिन और टेपेंटाडोल को ड्रग रूल 1945 की सूची एच-1 में शामिल करने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी गई है।
पंजाब के कैबिनेट मंत्री ने श्री नड्डा को सूचित किया कि प्रेगाबालिन, जिसका विशेष उपयोग मानसिक दर्द और एपीलेप्सी और टेपेंटाडोल के बारे में चिंताएँ बढ़ रही हैं क्योंकि इनके पंजाब और अन्य स्थानों पर दुरुपयोग की प्रवृत्ति बढ़ रही है। सख्त कदम उठाने पर जोर देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा इनकी बड़े पैमाने पर जब्ती की जा चुकी है, जिसमें 2024 में प्रेगाबालिन की 5 करोड़ से अधिक की जब्ती की गई है। उन्होंने कहा कि इन दवाओं को सूची एच-1 में दर्ज करके इसकी बिक्री केवल पंजीकृत डॉक्टरों की पर्ची के माध्यम से नियंत्रित की जा सकेगी और फार्मेसियों द्वारा इनका रिकॉर्ड रखा जाएगा ताकि इनके दुरुपयोग को पूरी तरह से रोका जा सके।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा नशों की बुराई से निपटने के लिए पंजाब द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की गई और प्रदेश द्वारा लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों का उनके मंत्रालय द्वारा समर्थन करने की वचनबद्धता दोहराई गई। ड्रग्स नियमों के लिए यह संशोधन प्रक्रियाएँ पूरी होने के बाद जल्दी ही नोटीफाई किए जाने की संभावना है। मंत्रालय द्वारा इस क्षेत्र से जुड़े भागीदारों, स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करने वालों और फार्मेसियों से अपील की गई है कि वे लागू होने पर नियमों का पूर्ण पालन करें।