नई दिल्ली, 16/10/2025
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की धमाकेदार एंट्री ने राज्य के सियासी समीकरणों में हलचल मचा दी है. पार्टी ने मंगलवार तक 59 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है. आज यानि बुधवार और गुरुवार तक और सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम का ऐलान होगा. पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में ‘आप’ के शीर्ष नेता जल्द ही बिहार में चुनावी प्रचार के लिए उतरेंगे.
AAP ने बिहार विधानसभा चुनाव अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया
‘आप’ ने इस बार सभी बिहार विधानसभा चुनाव अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, जिससे यह साफ है कि वह राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत करने और हिंदी पट्टी में पैर जमाने की बड़ी रणनीति के साथ मैदान में उतरी है. पार्टी ने बिहार चुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की सूची लगभग तैयार कर ली है, जिसमें अरविंद केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यसभा सांसद संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, जैसे प्रमुख नेता शामिल हो सकते हैं. केजरीवाल का ध्यान मुख्य रूप से बड़े रोड शो और जनसभाओं पर केंद्रित होगा, जहां वे ‘दिल्ली व पंजाब मॉडल’ यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, मुफ्त बिजली और पानी जैसी सुविधाओं को प्रमुखता से रखेंगे. आप नेता छठ पूजा बाद बिहार में डेरा डालेंगे.
बिहार के प्रभारी बनाए गए अजेश यादव
बिहार से प्रभारी बनाए गए अजेश यादव का कहना है कि दिल्ली और पंजाब में हुए काम की राजनीति को बिहार की जनता भी अपनाएगी. प्रचार के दौरान, आप नेता बिहार की पारंपरिक जातिगत राजनीति के बजाय रोजगार, बेहतर सरकारी स्कूल, मोहल्ला क्लिनिक और भ्रष्टाचार मुक्त शासन जैसे मुद्दों को उठाकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करेंगे.
किसी भी अन्य दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी AAP
आम आदमी पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी अन्य दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी. पार्टी ने ‘इंडिया’ गठबंधन को सिर्फ लोकसभा चुनाव 2024 तक ही सीमित बताया है. आप नेताओं का कहना है कि उनका गठबंधन सिर्फ बिहार की जनता के साथ है. पार्टी ने अब तक दो चरणों में अपने 59 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है और बाकी के नाम भी जल्द घोषित होने की उम्मीद है. हालांकि राजनीतिक विश्लेषक नवीन गौतम कहते हैं कि सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी के लिए एक जोखिम भरा कदम है, क्योंकि बिहार में ‘आप’ का सांगठनिक ढांचा अभी शुरुआती चरण में है.
बिहार में ‘तीसरे विकल्प’ के रूप में अपनी जगह बनाने की कोशिश में AAP
पार्टी का तर्क है कि यह कदम न केवल जमीनी स्तर पर नेटवर्क तैयार करने का मौका देगा, बल्कि भविष्य के चुनावों के लिए मजबूत आधार भी बनाएगा. केजरीवाल और अन्य ‘आप’ नेताओं का धुआंधार प्रचार यह तय करेगा कि क्या पार्टी बिहार की राजनीति में ‘तीसरे विकल्प’ के रूप में अपनी जगह बना पाती है या फिर मुख्य गठबंधनों के वोट काटकर सिर्फ चुनावी समीकरणों को प्रभावित करने तक ही सीमित रहती है. आप के लिए यह चुनाव 2029 के लोकसभा चुनाव के लिए हिंदी पट्टी में जमीन तैयार करने के लिहाज़ से भी अहम है.
दिल्ली के सरकारी स्कूलों और मोहल्ला क्लिनिकों के मॉडल का प्रचार
आप का प्रचार अभियान मुख्य रूप से तीन प्रमुख मुद्दों पर केंद्रित रहेगा. पहला शिक्षा और स्वास्थ्य, दिल्ली के सरकारी स्कूलों और मोहल्ला क्लिनिकों के मॉडल का प्रचार. दूसरा रोजगार, बिहार में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी को प्रमुखता से उठाना. तीसरा भ्रष्टाचार, राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म कर एक स्वच्छ प्रशासन देने का वादा.
बता दें कि आप की एंट्री से बिहार के मुख्य मुकाबले यानी NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और इंडिया महागठबंधन दोनों के वोटों पर असर पड़ सकता है. अरविंद केजरीवाल का प्रचार शहरी और अर्ध-शहरी मतदाताओं के एक हिस्से को प्रभावित कर सकता है, जो विकास और बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता देते हैं. हालांकि, बिहार में गहरी जड़ें जमा चुकी जाति आधारित राजनीति में सेंध लगाना आप के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.