चंडीगढ़, 24/09/2025
पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा “दिव्यांग कर्मचारियों के अधिकार एवं कार्यस्थल पर उनके साथ व्यवहार” विषय पर एक विशेष प्रशिक्षण सत्र 23 सितम्बर 2025 को आयोजित किया गया। इस सत्र का उद्देश्य फैकल्टी, कर्मचारियों और स्टाफ को एक अधिक समावेशी एवं संवेदनशील वातावरण के निर्माण हेतु जागरूक करना था।
इस अवसर पर सोरेम (सोसाइटी फॉर डी रिहैबिलिटेशन ऑफ़ मेंटली चैलेंज्ड) की प्रिंसिपल एवं कार्यकारी निदेशक सुश्री संगीता जैन मुख्य वक्ता रहीं और रजिस्ट्रार कर्नल आर.एम. जोशी (वेटरन) की गरिमामयी उपस्थिति रही।
मिस जैन ने दिव्यांगजनों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर कार्यस्थलों पर, आज भी भेदभाव देखने को मिलता है। उन्होंने सहानुभूति और संवेदना के बीच के अंतर को रेखांकित करते हुए कहा कि सहानुभूति अक्सर दूरी पैदा करती है, जबकि संवेदना संबंधों में पुल का कार्य करती है और वास्तविक समझ विकसित करती है।
मिस जैन ने दिव्यांग व्यक्तियों, विशेष रूप से ऑटिज़्म से ग्रसित बच्चों के साथ अपने कार्यानुभव साझा किए और सभी को अधिक करुणामयी एवं समावेशी दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि “व्यक्ति को उसकी अक्षमता से पहले उसके व्यक्तित्व और क्षमताओं के आधार पर देखना चाहिए।” उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे हर व्यक्ति की योग्यताओं, ताकतों और विशिष्टताओं पर ध्यान केंद्रित करें, न कि केवल उनकी शारीरिक या मानसिक सीमाओं पर।
सत्र के समापन पर रजिस्ट्रार कर्नल आर.एम. जोशी (वेटरन) ने मिस जैन के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने दो घंटे के प्रशिक्षण के मुख्य बिंदुओं का सार प्रस्तुत किया और कहा कि ऐसे सत्र न केवल आवश्यक हैं, बल्कि संस्थान की संस्कृति को अधिक समावेशी और समानतापूर्ण बनाने में परिवर्तनकारी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल समयानुकूल और अत्यंत आवश्यक कदम है, जो पीईसी में समावेशिता और समानता को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी।