चंडीगढ़, 8/09/2025
पंजाब के राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री हरदीप सिंह मुंडियां ने आज बताया कि बाढ़ के कारण राज्य के कई जिलों में जहां अधिक आबादी प्रभावित हुई है, वहीं फसलों के नुकसान में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि रिपोर्टों के अनुसार 15 जिलों में अब तक 3.87 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और मानसा, मोगा तथा पटियाला जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान 3 और मौतें दर्ज होने से मृतकों की कुल संख्या 51 हो गई है।
फसलों और बुनियादी ढांचे के नुकसान के बारे में जानकारी देते हुए श्री मुंडियां ने कहा कि अब तक 1,84,938.05 हेक्टेयर से अधिक फसल को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि घरों और पशुधन को हुए नुकसान का आकलन जारी है और बाढ़ का पानी कम होने के बाद ही इस बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
श्री हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 77 और व्यक्तियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से बाहर निकाला गया है और अब तक कुल 23,015 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस समय 123 राहत शिविर सक्रिय हैं, जिनमें 5,416 व्यक्ति ठहरे हुए हैं और अधिकांश प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को सुनिश्चित किया गया है।
उन्होंने बताया कि राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना के लगभग 30 हेलीकॉप्टर लगे हुए हैं, जबकि बीएसएफ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें जमीनी स्तर पर सहायता कर रही हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सूखा राशन, पीने का पानी, दवाइयाँ और जरूरी सामान सहित राहत सामग्री 24 घंटे भेजी जा रही है।
जिला-वार विवरण देते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि अमृतसर में 196 गाँव बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिसके कारण 1,36,105 लोग प्रभावित हुए हैं और जिले में 7 व्यक्तियों की मौत हुई है। जिले में कुल 3,260 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 16 राहत शिविर सक्रिय हैं, जबकि 27,154 हेक्टेयर खड़ी फसलों को नुकसान पहुँचा है। बरनाला में कुल 121 गाँव बाढ़ के पानी से घिरे हैं, जिससे 1,343 लोग प्रभावित हुए हैं। जिले में 5 मौतें हुई हैं, 630 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 46 राहत शिविर सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि बठिंडा में 21 गाँव बाढ़ की चपेट में आए हैं। हालांकि कोई आबादी सीधे प्रभावित नहीं हुई लेकिन जिले में 4 मौतें हुई हैं, जबकि 586.79 हेक्टेयर खड़ी फसलों को नुकसान पहुँचा है। इसी तरह फरीदकोट जिले में 15 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं। फाज़िल्का में 86 गाँव डूब गए हैं, जिससे 25,037 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं और दो व्यक्तियों की मौत हुई है। बाढ़ के पानी से कुल 4,235 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 14 राहत शिविर सक्रिय हैं जबकि 19,036 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में खड़ी फसलों को नुकसान पहुँचा है।
मंत्री ने कहा कि जिला फिरोजपुर में 108 गाँव बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिससे 38,614 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं। जिले में दो मौतें दर्ज की गई हैं, 3,948 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 17,257 हेक्टेयर फसल का नुकसान हुआ है। इसी तरह गुरदासपुर में 329 गाँव पानी की चपेट में आए हैं, जिससे 1,45,000 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं और दो मौतें हुई हैं। जिले में कुल 5,581 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 13 राहत शिविर सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के इस जिले की फसलें सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं, यहाँ 40,169 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
होशियारपुर में 208 गाँव बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिससे 2,760 लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है, जबकि 7 व्यक्तियों ने जान गंवाई है। कुल 1,616 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 4 राहत शिविर लगाए गए हैं। यहाँ 8,322 हेक्टेयर फसली क्षेत्र का नुकसान हुआ है। जालंधर में 93 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिससे 1,970 लोग प्रभावित हुए हैं। जन-धन की हानि की कोई रिपोर्ट नहीं है। अब तक कुल 511 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया है और 18 राहत शिविर सक्रिय हैं। यहाँ 4,800 हेक्टेयर फसलों का नुकसान दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि कपूरथला में 145 गाँवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे 5,728 लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है और 1,428 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि 17,574 हेक्टेयर फसलें नष्ट हुई हैं। लुधियाना में 85 गाँव प्रभावित हुए हैं और जिले में मरने वालों की संख्या 4 है। यहाँ लगाए गए एक कैंप में 47 व्यक्तियों को ठहराया गया है और 72 हेक्टेयर फसली क्षेत्र को नुकसान पहुँचा है। मलेरकोटला में 12 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं।
मानसा जिले में 95 गाँवों के 178 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं और जिले में 4 मौतें दर्ज की गई हैं। कुल 178 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि 2 राहत शिविर सक्रिय हैं। 12,207 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुँचा है। मोगा में 52 गाँव और 800 व्यक्ति बाढ़ की मार झेल रहे हैं। एक व्यक्ति की मौत हुई है। कुल 155 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया है जबकि 3 कैंप लोगों को आश्रय दे रहे हैं और 2,240 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
श्री मुंडियां ने बताया कि पठानकोट में 88 गाँवों को बाढ़ ने प्रभावित किया है, जिससे 15,503 लोगों का जीवन कठिन हो गया है। जिले में 6 व्यक्तियों ने जान गंवाई है। 1,139 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि 1 राहत शिविर सक्रिय है। यहाँ 2,442 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुँचा है। पटियाला में 109 गाँव प्रभावित हुए हैं। जिले में 2 मौतें दर्ज की गई हैं और 10,420 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें नष्ट हुई हैं। रूपनगर में 58 गाँव प्रभावित हुए हैं, जिससे 778 व्यक्तियों का जीवन प्रभावित हुआ है। यहाँ दो व्यक्तियों की जान गई है, 313 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और 4 राहत शिविरों में लोगों को ठहराया जा रहा है। इसके अलावा 1,080 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें तबाह हुई हैं।
राजस्व मंत्री ने कहा कि जिला एसएएस नगर में 15 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिससे 14,000 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं। यहाँ 2 मौतें हुई हैं और 2,000 हेक्टेयर से अधिक फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं। संगरूर में भी 107 गाँव बाढ़ का खामियाज़ा भुगत रहे हैं, जिससे 83 व्यक्तियों का जीवन प्रभावित हुआ है। जिले में 1 व्यक्ति की मौत हुई है। यहाँ एक राहत शिविर चल रहा है और 6,560 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें प्रभावित हुई हैं। इसी तरह एसबीएस नगर में 28 गाँव प्रभावित हुए हैं और 188 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुँचा है। जिला श्री मुक्तसर साहिब में 23 गाँव प्रभावित हुए हैं, जबकि जिला तरन तारन में 70 गाँव बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिनमें 60 लोग प्रभावित हुए हैं। कुल 21 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 12,828 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें प्रभावित हुई हैं।