अमृतसर, 31/07/2025
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों पर चलाई जा रही नशा विरोधी मुहिम के तहत, पंजाब पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। अमृतसर पुलिस कमिश्नरेट अमृतसर में 35 गोलियां की एक छोटी सी बरामदगी से लेकर उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित निर्माण यूनिट तक फैले ट्रामाडोल की अवैध सप्लाई चेन का भंडाफोड़ किया है।
यह कार्रवाई ट्रॉमाडोल की 35 गोलियां की बरामदगी और अमृतसर के थाना ए-डिवीजन क्षेत्र में दर्ज एफआईआर के तहत स्थानीय तस्कर रविंदर सिंह उर्फ निका की गिरफ्तारी के बाद की गई बारीकी से जांच के फलस्वरूप की गई है। पुलिस ने मात्र 15 दिनों में ट्रामाडोल की 74,465 गोलियाँ, अल्प्राजोलम की 50 गोलियाँ और ट्रामाडोल का 325 किलोग्राम कच्चा माल बरामद किया है। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि मामले से संबंधित खुलासों और छापों के आधार पर एक केमिस्ट, वितरक और लूसेंट बायोटेक लिमिटेड के प्लांट प्रमुख समेत कुल छह गिरफ़्तारियाँ की गई हैं।
गिरफ़्तार व्यक्तियों की पहचान लूसेंट बायोटेक लिमिटेड, रुड़की के प्लांट मैनेजर हरी किशोर और रिकाल लाइफसाइंसेज़, रुड़की के मालिक-कम-पार्टनर बिक्रम के रूप में हुई है। अन्य गिरफ़्तार व्यक्तियों में मनीष कुमार अरोड़ा, पूरन जाटव और कथूनंगल स्थित मेडिकल स्टोर के मालिक कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा शामिल हैं।
डीजीपी यादव ने बताया कि जब्त की गईं “ट्राके़मी-100” ट्रामाडोल की पट्टियाँ, जिन पर “केवल सरकारी आपूर्ति – बिक्री के लिए नहीं” छपा हुआ है, यह दर्शाता है कि सरकारी मेडिकल स्टॉक की अवैध तरीके से हेराफेरी की गई है, जो कि अत्यंत गंभीर चिंता का विषय है।उन्होंने बताया कि जिन प्रमुख फार्मा कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन किया है, उन्हें सील कर दिया गया है और उनके रिकॉर्डों की गहन जांच की जा रही है। मामले की विस्तृत जांच अभी भी जारी है।
पुलिस कमिश्नर अमृतसर (सीपी) गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि अमृतसर पुलिस और ड्रग इंस्पेक्टरों की एक संयुक्त टीम ने हरिद्वार के रुड़की स्थित फार्मा कंपनियों पर छापेमारी की, जहाँ से बिना लेबल की ट्रामाडोल की 4,130 गोलियाँ और 325 किलोग्राम अवैध कच्चा माल बरामद किया गया। उन्होंने कहा कि यह बरामदगी पूर्व में ज़ब्त की गईं 70,335 गोलियों और 7.69 लाख रुपये की ड्रग मनी के अतिरिक्त है।
पूछताछ के दौरान आरोपी हरी किशोर ने स्वीकार किया कि उसने निर्माण यूनिट में ट्रामाडोल टैबलेट ‘ट्राके़मी-100’ की पट्टियों पर “केवल सरकारी आपूर्ति – बिक्री के लिए नहीं” छपवाया था और अब उस मुहर को नष्ट कर दिया है। उसने यह भी स्वीकार किया कि एक अन्य फार्मा कंपनी के लिए तैयार की गई ट्रामाडोल टैबलेट की अवैध सप्लाई रिकाल लाइफसाइंसेज़, रुड़की को बेची गई थी। उन्होंने बताया कि इस फार्मा ओपिओइड सप्लाई नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की भी पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है।
इस संबंध में थाना ए-डिवीजन, अमृतसर में एफआईआर नंबर 108 दिनांक 16-07-2025 को एनडीपीएस एक्ट की धारा 22, 27(ए), 29 और 31 तथा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।