चंडीगढ़, 30/07/2025
गुड गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एन.सी.जी.जी.) के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को पंजाब पारदर्शिता और जवाबदेही आयोग का दौरा किया। भारत के राइट टू सर्विस (आर.टी.एस.) कार्यान्वयन ढांचे को मजबूत करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के तहत एन.सी.जी.जी. के महानिदेशक डॉ. सुरेंद्र कुमार बागड़े, आई.ए.एस. के नेतृत्व में किए गए इस रणनीतिक जुड़ाव ने नागरिक-केंद्रित शासन मॉडल सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को उजागर किया है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में पंजाब पारदर्शिता और जवाबदेही आयोग के मुख्य आयुक्त श्री वी.के. जंजुआ (सेवानिवृत्त आई.ए.एस.), आयोग के सचिव डॉ. नयन जस्सल (पी.सी.एस.) और आयोग की गवर्नेंस फेलो सुश्री शिवानी सहित वरिष्ठ प्रशासनिक नेताओं को एक मंच पर लाया गया। इस उच्च-स्तरीय बातचीत के दौरान बेहतर शासन प्रथाओं और संस्थागत मजबूती से संबंधित तंत्रों पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया गया।
यह बातचीत शासन के तीन महत्वपूर्ण स्तंभों पर केंद्रित थी, जिनमें लंबित मामलों में व्यवस्थित कमी, शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करना और मजबूत निगरानी और मूल्यांकन के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करना शामिल है। ये पहलें प्रशासनिक आधुनिकीकरण और नागरिक सेवा सुविधाओं के लिए पंजाब के प्रगतिशील दृष्टिकोण को दर्शाती हैं। डॉ. बागड़े ने बेहतर शासन परिणामों की प्राप्ति के लिए व्यवस्थित निगरानी ढांचे की ठोस क्षमता पर जोर दिया, विशेष रूप से सेवा वितरण में आने वाली बाधाओं को दूर करने संबंधी इसके सकारात्मक प्रभाव को उजागर किया।
एन.सी.जी.जी. के महानिदेशक ने विशेष रूप से डेटा-आधारित कार्यप्रणाली और व्यापक जनसेवा सुधार पहलों के प्रति पंजाब के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की। श्री वी.के. जंजुआ ने पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों के प्रति राज्य सरकार के समर्पण को उजागर करते हुए पंजाब सरकार की उन आई.टी.-आधारित नवीन पहलों का विवरण दिया जो नागरिक सेवा पहुंच और संस्थागत जवाबदेही में क्रांति ला रही हैं। ये तकनीकी सुविधाएं कुशल, पारदर्शी और जवाबदेह शासन ढांचे की ओर क्रांतिकारी बदलाव को दर्शाती हैं।
यह दौरा देश भर के राज्य आर.टी.एस. आयोगों तक एन.सी.जी.जी. के व्यापक पहुंच कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे नागरिक-केंद्रित शासन संबंधी बेहतर प्रथाओं को अपनाने और प्रशासनिक सुधारों के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए तैयार किया गया है। यह जुड़ाव केंद्रीय और राज्य संस्थाओं के बीच सहयोगात्मक ढांचे को मजबूत करता है, देश भर के शासन पारिस्थितिकी तंत्र की मजबूती के लिए जानकारी के आदान-प्रदान और शासन की बेहतर प्रथाओं को अपनाने की वकालत करता है।