चंडीगढ़, 29/07/2025
पंजाब में कोई भी बच्चा सड़कों पर न रहे, न भीख मांगे और न ही किसी तरह के शोषण का शिकार हो – इस प्रतिबद्धता के साथ चलाई जा रही मुहिम प्रोजेक्ट जीवनजोत-2 के अंतर्गत पंजाब सरकार अब तक कुल 208 बच्चों को भीख मांगने से बचा चुकी है।
ताज़ा कार्रवाई के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में 20 विशेष छापों/चेकिंग के ज़रिए 5 और बच्चों को राहत प्रदान की गई है। यह जानकारी आज यहाँ सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने दी। उन्होंने बताया कि भीख मांगते बच्चों को सड़कों से उठाकर स्कूल या बाल गृह तक पहुँचाना ही जीवनजोत का मुख्य उद्देश्य है।
डॉ. कौर ने बताया कि आज जिन जिलों में विशेष छापेमारी की गई, वे हैं – बरनाला, बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, फाजिल्का, होशियारपुर और जालंधर। इसके अतिरिक्त कपूरथला, मानसा, मलेरकोटला, मोगा, पटियाला, रूपनगर, संगरूर, एसएएस नगर, एसबीएस नगर, श्री मुक्तसर साहिब और तरनतारन में भी चेकिंग की गई।
इनमें से फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, रूपनगर, संगरूर और श्री मुक्तसर साहिब में एक-एक बच्चा भीख मांगता पाया गया, जिन्हें तुरंत रेस्क्यू किया गया।
मंत्री ने बताया कि बचाए गए 3 बच्चों के माता-पिता की काउंसलिंग की गई और उन्हें सख़्त चेतावनी देकर यह शर्त रखते हुए बच्चों को दोबारा उनके हवाले किया गया कि भविष्य में वे अपने बच्चों से भीख नहीं मंगवाएंगे। दो अन्य बच्चों को सुरक्षित रूप से बाल गृह भेजा गया। डॉ. कौर ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में किसी भी माता-पिता द्वारा फिर ऐसा किया गया, तो उनके विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि आज किसी भी बच्चे के डीएनए टेस्ट की आवश्यकता नहीं पड़ी। बाल सुरक्षा टीमों और ज़िला बाल कल्याण समितियों ने समय पर हस्तक्षेप करके संवेदनशीलता और ज़िम्मेदारी से यह कार्रवाई पूरी की।
डॉ. बलजीत कौर ने जनता से अपील की कि वे राज्य को बाल भिक्षावृत्ति मुक्त और ‘रंगला पंजाब’ बनाने के लिए पंजाब सरकार का पूर्ण सहयोग करें। उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी कोई बच्चा भीख मांगता हुआ दिखाई दे, तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 या स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।