एस.ए.एस नगर, 17/07/2025
पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री डॉ. बलजीत कौर के निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए, एस ए एस नगर जिला प्रशासन ने आज शाम पंजाब सरकार की पहल, जीवनज्योत 2.0 परियोजना के तहत बाल भिक्षावृत्ति से निपटने के लिए एक विशेष अभियान चलाया।
अभियान की जानकारी साझा करते हुए, उपायुक्त कोमल मित्तल ने बताया कि अभियान के दौरान 12 बच्चों को भीख मांगने के पेशे से बचाया गया। यह बचाव अभियान जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुश्री नवप्रीत कौर और जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री निखिल अरोड़ा द्वारा संयुक्त रूप से चलाया गया।
बचाए गए बच्चों की पहचान और दस्तावेज़ों के सत्यापन तक, उन्हें उचित देखभाल और संरक्षण के लिए पंजीकृत बाल देखभाल संस्थानों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
उपायुक्त कोमल मित्तल ने दोहराया कि बाल अधिकारों का संरक्षण प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि असुरक्षित बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ऐसे बचाव अभियान नियमित रूप से चलाए जाएँगे।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी नवप्रीत कौर ने आगे बताया कि किशोर न्याय (बालकों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत बच्चों को भीख मांगने के काम में लगाना एक दंडनीय अपराध है। यह अधिनियम ज़रूरतमंद बच्चों की देखभाल, सुरक्षा, पुनर्वास और सामाजिक पुनर्मिलन का प्रावधान करता है। जो व्यक्ति बच्चों को भीख मांगने के लिए इस्तेमाल करते या काम पर रखते पाए जाते हैं, उन्हें कानून के तहत कारावास और/या जुर्माना हो सकता है।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, श्री कुलवंत सिंह गुरु ने कहा कि जिन मामलों में कथित रूप में माता-पिता बचाए गए बच्चों के वैध पहचान पत्र या जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहते हैं, उन मामलों में ही अंतिम अनुमोदन के लिए उपायुक्त को डी एन ए परीक्षण की सिफारिश की जाएगी।
जिला प्रशासन ने जनता से भी बच्चों द्वारा भीख मांगने की किसी भी घटना की तुरंत सूचना देने की अपील की है ताकि समय पर और प्रभावी हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जा सके और उन्हें इस सामाजिक बुराई से बचाया जा सके।