नई दिल्ली, 24/03/2025
आज पूरी दुनिया में “वर्ल्ड ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) डे” मनाया जा रहा है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को तपेदिक (टीबी) की रोकथाम, उपचार और उन्मूलन के प्रति जागरूक करना है।
थीम और उद्देश्य
इस साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा “टीबी उन्मूलन: एकजुट होकर समाधान की ओर” थीम रखी गई है, जिसका उद्देश्य इस बीमारी को खत्म करने के लिए सरकारों, संगठनों और आम जनता को एक साथ लाना है।
भारत में टीबी की स्थिति
भारत में टीबी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत में 3.31 लाख से अधिक लोगों की मौत टीबी से हुई। हालांकि, सरकार ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है, जो वैश्विक लक्ष्य (2030) से पांच साल पहले है।
सरकार के प्रयास
- नि-क्षय पोषण योजना – टीबी मरीजों को आर्थिक सहायता दी जा रही है।
- नि-क्षय मित्र अभियान – टीबी रोगियों को पोषण और मानसिक सहायता प्रदान करने के लिए सामुदायिक भागीदारी।
- 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान – टीबी के मामलों की तेजी से पहचान और उपचार सुनिश्चित करना।
- मुफ्त जांच और इलाज – सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त टीबी जांच और दवाएं उपलब्ध हैं।
टीबी के लक्षण और बचाव
टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है। इसके सामान्य लक्षणों में लगातार खांसी, वजन कम होना, रात में पसीना आना और कमजोरी शामिल हैं। सही समय पर इलाज और बीसीजी टीकाकरण से इसे रोका जा सकता है।
टीबी के खिलाफ जंग में सरकार, स्वास्थ्य संगठन और आम जनता की भागीदारी आवश्यक है। समय पर जांच और इलाज से न केवल मरीज की जान बचाई जा सकती है, बल्कि समाज को इस बीमारी से मुक्त किया जा सकता है। विश्व टीबी दिवस पर हम सभी को टीबी उन्मूलन के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लेना चाहिए।