शिरोमणि अकाली दल में बड़ी बगावत हो गई है सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया ने श्री अकाल तख़्त साहिब के जथेदारों को हटाने के विरोध में उतर गए है और बड़े सवाल खड़े करते हुए उन्होंने प्रेस को जारी किये बयान में कहा की श्री अकाल तख़्त साहिब की मान मर्यादा किसी व्यक्ति विशेष तक सीमित नहीं है और तख़्त पर बैठे जत्थेदार साहिबान का आदर सम्मान करना सभी का नैतिक फर्ज बनता है और वह करते रहेंगे इतना ही नहीं बिक्रम मजीठिया ने लिखा की वह आखिरी सांस तक तख़्त और जत्थेदार साहिबान का सम्मान करते रहेंगे

मजीठिया के साथ पूर्व मंत्री शरणजीत सिंह ढिल्लों, लखबीर सिंह लोधीनंगल, जोध सिंह समरा, सरबजोत सिंह साबी, रमनदीप संधू, सिमरनजीत ढिल्लो ने एसजीपीसी की अंतरिंग कमेटी पर सवाल खड़े करते हुए कहा की उनके फैसले से सिख संगत और उनके मन को ठेस पहुंची है जिसके बाद से पंजाब हरियाणा सहित टकसाली नेताओ ने अकाली दल से सामूहिक अस्तीफ़े दे दिए

बिक्रम मजीठिया ने पहलकदमी करते हुए सभा को एकजुट होने की अपील भी की और कहा की अलग अलग ग्रुप में बटे लोग महान संस्था एसजीपीसी को बचने के लिए एकजुट हो जिसपर बीबी जागीर कौर ने कहा की माझा और दोआबा के टकसाली नेताओ की शहादत से अकाली दल पार्टी बनी है इसे टूटने नहीं दिया जायेगा वही अकाली दल के एक्टिंग प्रधान बलविंदर सिंह भुंदड़ ने बिक्रम मजीठिया पर निशाना साधते हुए कहा की वह शिरोमणि अकाली दल की सरकार के समय सुपर सीएम रहे है और अब बुरे वक्त में उन्होंने ने पार्टी और अपने साथियो की पीठ में छुरा मारा है जोर कहा की मजीठिया और उनके साथियो ने एसजीपीसी के फैसले पर सवाल उठाकर गलत किया है और पार्टी को यहा तक पहुंचाने में कौन जिम्मेवार है इसका भी मजीठिया को अच्छे से मालूम है और बिक्रम मजीठिया को स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल का शुक्रगुजार होना चाहिए था
एसजीपीसी की अंतरिंग कमेटी के फैसले के बाद से जिस तरह जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह को हटाया गया उसको लेकर अंतरिंग कमेटी के मैंबर्स के पुतले फुक कर प्रदर्शन किये जा रहे है और अकाली दल से जुड़े लोग सामूहिक अस्तीफ़े दे रहे है
