चंडीगढ़, 28 फरवरी 2024
पंजाब यूनिवर्सिटी में हुए सप्त सिंधु लिटरेचर फेस्ट के दूसरे चरण में भारत के विश्व गुरु बनने में सात नदियों के धरती सप्त सिंधु यानि पहले पंजाब के योगदान पर विस्तृत चर्चा हुई व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत के चलते उपस्थित साहित्यकारों और राजनितिक हस्तियों ने अपनी संस्कृति व विरासत कहीं खो न जाए पर चिंता व्यक्त जताई । पहले सेशन में डॉक्टर वरिंदर वरिंदर गर्ग, अमरजीत ग्रेवाल, डा सतनाम संधू , पद्मश्री सुरजीत पातर, पंजाब यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डॉक्टर रेनू विग ने उपस्थित साहित्य प्रेमियों को विस्तार पूर्वक अपनी 3000 साल पुरानी संस्कृति विस्तृत जानकारी दी। अमरजीत ग्रेवाल ने कहा कि 2022 से कलयुग खत्म होकर नए युग की शुरुआत हो चुकी है जिसे ज्ञान युग कहा जा सकता है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस युग में डायलॉग एथिक्स व संस्कारों की विरासत को भूलकर कहीं अगले 5 वर्षों में अपना अस्तित्व ही ना खो बैठे । उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ-साथ भारत को अपने पुरातन इतिहास व संस्कृति का सामंजस्य से ही आने वाले समय में विश्व गुरु की ओर बढ़ सकता है ।

डॉ वरिंदर गर्ग ने 3300 बीसी से लेकर तक्षशिला यूनिवर्सिटी, ऋग्वेद श्री गुरु ग्रंथ साहिब सहित पंजाब की धरोहर विरासत व सांस्कृतिक इतिहास की विस्तृत प्रेजेंटेशन से उपस्थित साहित्य प्रेमियों को चोंकने पर मजबूर कर दिया । पंजाब यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर रेनू वीन विस्तृत जानकारी देते हुए सप्त सिंधु को आर्यन का पहला स्थान बताया व विश्व में सबसे पुराने सनातन धर्म का विस्तार पूर्वक वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भारत की पहली यूनिवर्सिटी तक्षशिला यूनिवर्सिटी में 10500 विद्यार्थी हुआ करते थे और 300 लेक्चर हाल थे और विश्व भर से यहां विद्यार्थी शिक्षा लेने आते थे ।

दूसरे सेशन के मुख्य अतिथि पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह सन्ध्वा ने बताया कि हम सब किस्मत वाले हैं जो हमारा जन्म इस सप्त सिंधु यानी पंजाब की धरती पर हुआ है उन्होंने कहा कि वेदों में ही हमारी संस्कृति है और वेद पढ़कर ही हम कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं । पदम श्री डॉ सुरजीत पातर ने कवि व राजनीतिज्ञों के विचारों में मतभेद की बातचीत की उन्होंने कहा कि कवि को आमजन के सौहार्द की चिंता करता है संस्कृत भाषा को सब भाषाओं की माता बताते हुए उन्होंने कहा कि हम बोल तो नहीं सकते लेकिन यह संस्कृत ही है जो हम सबको एक दूसरे से जोड़े हुए है।

आयोजक निवेदिता ट्रस्ट की ओर से मीनाक्षी अग्निहोत्री, डॉक्टर हरीश, डॉ परवीन, डॉ जतिंदर ग्रोवर, कल्याणी सिंह, मोनिका जिंदल अंजू बाला, कुंवर जगमोहन, डॉक्टर विमल अंजुम, शिवानी सिंह, गौरव जिंदल, एडवोकेट प्रभजोत, एडवोकेट ख़ुशबीर भुल्लर आदि मौजूद रहे।